Shardiya Navratri 2024: इस समय घट स्थापना करने से मिलेगा मनोवांछित फल, पूजा की थाली में जरूर शामिल करें ये चीज, जानें पूजा विधि और मंत्र

इस समय घट स्थापना करने से मिलेगा मनोवांछित फल, Shardiya Navratri 2024, Shardiya Navratri Puja Vidhi Ghatasthapana Muhurat and Puja vidhi

  •  
  • Publish Date - October 3, 2024 / 06:49 AM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 06:53 AM IST

नई दिल्लीः Shardiya Navratri Ghatasthapana Muhurat  आज से शक्ति आराधना का पर्व नवरात्र शुरू हो रहा है। नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि रहती है। इस बार शारदीय नवरात्रि अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ नवरात्रि समाप्त हो जाएगी और 12 नवंबर को देवी मां को विसर्जित किया जाएगा।

Read More : आज से बदल जाएगी इन जातकों की किस्मत, नवरात्रि के पहले दिन शनि करेंगे नक्षत्र परिवर्तन, हर काम में मिलेगी कामयाबी

शारदीय नवरात्रि तिथि

Shardiya Navratri Ghatasthapana Muhurat  आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना कर नवरात्रि की शुरुआत होती है। पंचांग के मुताबिक, इस साल 3 अक्तूबर को 12 बजकर 19 मिनट से लेकर 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बज कर 58 मिनट तक प्रतिपदा तिथि रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक, 3 अक्तूबर यानी गुरुवार को कलश स्थापना कर शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ किया जाएगा।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन गाय पर सवार मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन सबसे पहले कलश स्थापना पूजा होती है और देवी को भी प्रतिष्ठित करने के बाद ही उनके शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की जाती है। कलश स्थापना के लिए पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 23 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बज कर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक है।

Read More : Shardiya Navratri Kalash Sthapana : आज से देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम.. यहां देखें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि 

कलश स्थापना सामग्री:

हिंदू धर्म में सभी मांगलिक कार्यों में कलश स्थापित करना महत्वपूर्ण माना गया है। इसे सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए कलश में जल, पान का पत्ता, अक्षत,कुमकुम,आम का पत्ता, मोली, रोली केसर,दूर्वा-कुश, सुपारी, फूल, सूत, नारियल,अनाज,लाल कपड़ा, ज्वारे, 1-2 रुपए का सिक्का इत्यादि का उपयोग किया जाता है।

Read More : Today Horoscope: इन राशि वालों पर रहेगी मां दुर्गा की विशेष कृपा, इस योग से होगी पैसों की बंपर बारिश, हर काम में मिलेगी सफलता 

कलश स्थापना की विधि :

  • नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय सबसे पहले सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें।
  • एक मिट्टी के बड़े पात्र में मिट्टी डाल दें और इसमें ज्वारे के बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी और बीज डालकर पात्र में थोड़ा-सा पानी छिड़क दें।
  • अब गंगाजल भरे कलश और ज्वारे के पात्र पर मौली बांध दें। जल में सुपारी,दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी डाल दें।
  • अब कलश के किनारों पर आम के 5 पत्तों को रखें और कलश का ढक्कन से ढक दें।
  • एक नारियल लें और उसपर लाल कपड़ा या चुनरी लपेट दें। नारियल पर मौली बांध दें।
  • इसके बाद कलश और ज्वारे स्थापित करने के लिए सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ कर लें।
  • इसके बाद ज्वारे वाला पात्र रखें। उसके ऊपर कलश स्थापित करें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।
  • फिर सभी देवी-देवताओं का आह्मान करने के साथ नवरात्रि की विधिवत पूजा आरंभ करें।
  • कलश स्थापित करने के बाद नौ दिनों तक मंदिर में रखे रहना चाहिए।सुबह-शाम आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो