Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का पहला दिन आज, करें मां शैलपुत्री की आराधना, जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र

Shardiya Navratri 2024 Kalash Sthapana Muhurat Date And Time: शारदीय नवरात्रि का पहला दिन आज, करें मां शैलपुत्री की आराधना

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 07:37 AM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 07:42 AM IST

नई दिल्ली: Shardiya Navratri 2024 Kalash Sthapana Muhurat Date And Time हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों एक नवरात्रि का त्योहार है। जो पूरी तरह से देवी दुर्गा को समर्पित है। आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। आज से मां दुर्गा के उपासक मां दुर्गा के नौ दिन और नौ रात पूजा अर्चना करेंगे। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और मां के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पहले दिन का शुभ मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि।

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कलश स्थापना तिथि और मुहूर्त

  • कलश स्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव कन्या लग्न के दौरान है।
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्तूबर 03, 2024 को 12:18 ए एम बजे
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्तूबर 04, 2024 को 02:58 ए एम बजे

पूजा विधि

– सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें।
– कलश स्थापना के लिए एक मिट्टी के बर्तन में मिट्टी और जौ के बीज डाल दें।
– कलश पर स्तिक का चिन्ह बनाएं और मौली बांध लें।
– लोटे में जल भर कर और गंगाजल भी मिला लें।
– एक पानी वाला नारियल लें और उस पर लाल कपड़ा लपेटकर मौली बांध लें।
– इस नारियल को कलश के बीच में रखें।
– इसके बाद धूप दीप जलाएं और देवी के मंत्रों का जाप करें।

करें इन मंत्रों का जाप

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

मां शैलपुत्री का स्वरूप

देवी शैलपुत्री वृषभ पर सवार हैं। माता ने श्वेत रंग के वस्त्र ही धारण किये हुए हैं। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प होता है। मां का यह रूप सौम्यता, करुणा, स्नेह और धैर्य को दर्शाता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं। मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना करने से चंद्र दोष से मुक्ति भी मिलती है।

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मां शैलपुत्री का भोग

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री को गाय के दूध से बनी चीजों का ही भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। आप दूध से बनी बर्फी, खीर जैसी चीजों का भोग लगा सकते हैंं

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