Navratri Story: हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि, ग्रह-नक्षत्र, योग और तिज-त्योहारों का खास महत्व होता है। ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 3 अक्टूबर 2024 अश्विन अमावस्या को पितरों की विदाई के बाद ही आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को माँ दुर्गा का आगमन होगा। जिसका समापन 12 अक्टूबर को दशहरा के साथ होगा। इस आश्विन नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है। मान्यता है कि जिस घर में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना होती है, उस घर के संकट कट जाते हैं। देवी का आशीर्वाद आपके जीवन में अपार खुशियां लाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि का पहला व्रत किसने और क्यों रखा था? तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम लंका पर चढ़ाई करने वाले थे तब बह्मा जी ने उन्हें चंडी पूजा-पाठ करने को कहा था था। इसके साथ ही उन्होंने राम जी को बताया कि, आपकी पूजा तभी सफल होगी जब आप चंडी पूजा और हवन के बाद 108 नील कमल भी अर्पित करेंगे। बह्मा जी के कहे अनुसार भगवान राम ने 108 नील कमल ढूंढ लिए, लेकिन जब रावण को यह पता चला कि भगवान राम चंडी देवी की पूजा कर रहे हैं और नील कमल ढूंढ रहे हैं, तो उसने अपनी मायावी शक्ति से एक नील कमल गायब कर दिया।
चंडी पूजा के अंत में जब भगवान राम ने वे नील कमल चढ़ाए तो उनमें एक कमल कम निकला। जिसे देखकर भगवान राम चिंतित हुए और अंत में उन्होंने कमल की जगह अपनी एक आंख माता चंडी पर अर्पित करने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने अपनी आंख अर्पित करने के लिए जैसे ही तीर उठाया तभी माता चंडी प्रकट हुईं और माता चंडी उनकी भक्ति से खुश होते हुए उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया।
Navratri Story: इसके बाद प्रतिपदा से लेकर नवमी तक प्रभु श्री राम ने माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए अन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया और नौ दिनों तक मां दुर्गा के रूप चंडी देवी की उपासना की। तब कहा गया कि,भगवान राम ही नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले पहले राजा और पहले मनुष्य है। इसके बाद उन्होंने लंका पर चढ़ाई कर विजय को प्राप्त किया था। मान्यता है कि तभी से नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत रखने की शुरुआत हुई जो आज तक चली आ रही है।