Navratri Day 1 Maa Shailputri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए करें इस स्त्रोत का पाठ, जीवन में आएगी सुख वृद्धि |

Navratri Day 1 Maa Shailputri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए करें इस स्त्रोत का पाठ, जीवन में आएगी सुख वृद्धि

Navratri Day 1 Maa Shailputri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए करें इस स्त्रोत का पाठ, जीवन में आएगी सुख वृद्धि

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Modified Date: October 3, 2024 / 06:38 PM IST
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Published Date: October 3, 2024 6:35 pm IST

Navratri Day 1 Maa Shailputri: आज यानी 3 अक्टूबर से   शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि, ग्रह-नक्षत्र, योग और तिज-त्योहारों का खास महत्व होता है। ऐसे में शारदीय नवरात्रि को लेकर लोगों में भी खास उत्साह है। जगह-जगह देवी मंदिरों में माता के जयकारे गूंज रहे हैं।  मान्यता है कि जिस घर में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना होती है, उस घर के संकट कट जाते हैं। देवी का आशीर्वाद आपके जीवन में अपार खुशियां लाती है। वहीं नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है जिसमें  से पहले दिन मां दुर्गा के स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री को गुड़हल और कनेर का फूल बहुत प्रिय है। पूजा के समय ये फूल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही देवी शैलपुत्री को गाय के दूध से बनी खीर या कोई सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं। गाय के घी का भी भोग लगा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी शैलपुत्री की पूजा करने से सुख और शांति में वृद्धि होती है।

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शैलपुत्री देवी स्तोत्र

वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥

पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा।

पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥

प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम्।

कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम्॥

 

स्तोत्र

प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्।

धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्।

सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।

भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।

भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम् ॥

माता शैलपुत्री देवी कवच

ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी।

हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥

श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी।

हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत।

फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

 

माता शैलपुत्री की स्तुति

जय माँ शैलपुत्री प्रथम, दक्ष की हो संतान।

नवरात्री के पहले दिन, करे आपका ध्यान॥

अग्नि कुण्ड में जा कूदी, पति का हुआ अपमान।

अगले जनम में पा लिया, शिव के पास स्थान॥

।।जय माँ शैलपुत्री, जय माँ शैलपुत्री॥

राजा हिमाचल से मिला, पुत्री बन सम्मान।

उमा नाम से पा लिया, देवों का वरदान॥

सजा है दाये हाथ में, संहारक त्रिशूल।

बाए हाथ में ले लिया, खिला कमल का फूल॥

जय माँ शैलपुत्री, जय माँ शैलपुत्री॥

बैल है वाहन आपका, जपती हो शिव नाम।

दर्शन से आनंद मिले, अम्बे तुम्हे प्रणाम॥

नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।

जय माँ शैलपुत्री, जय माँ शैलपुत्री॥

जय माँ शैलपुत्री प्रथम, दक्ष की हो संतान।

नवरात्री के पहले दिन, करे आपका ध्यान॥

 

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