Navratri 2022: नवरात्रि में करें ये वास्तु उपाय, सकारात्मकता आने के साथ दूर हो जाएंगी ये बुरी शक्तियां

Navratri 2022: नवरात्रि में करें ये वास्तु उपाय, सकारात्मकता आने के साथ दूर हो जाएंगी ये बुरी शक्तियां Do Vastu Remedies Coming Of Positivity

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  • Publish Date - September 15, 2022 / 07:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:39 AM IST

Navratri 2022: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और 5 अक्टूबर को इसका समापन होगा। नवरात्रि में मां शक्ति के नौ स्वरूपों की नौ दिन तक पूजा की जाती है। नवरात्रि में माता की पूजा में वास्तु से संबंधित कई बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है।

मातारानी के इस पावन पर्व नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ ही देवी के पूजा-पाठ का विधान है जिससे सभी तरफ सकारात्मकता का संचार होता हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता हैं। नवरात्रि के ये दिन बेहद शुभ माने जाते हैं जिसमें किए गए पौराणिक उपायों से जीवन में सफलता प्राप्त होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें नवरात्रि के दिनों में किया जाए तो बुरी शक्तियां दूर होने के साथ ही जीवन में सकारात्मकता का संचार होता हैं। तो आइये जानते हैं इन वास्तु उपायों के बारे में।

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– वास्तुविज्ञान के अनुसार मानसिक स्पष्टता और प्रज्ञा का दिशा क्षेत्र ईशान कोण यानि कि उत्तर-पूर्व दिशा को पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ माना गया है। यहाँ माता रानी की पूजा करने से उपासक को पूजा का पूर्ण फल मिलता है,घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।

– नवरात्रि में दुर्गा माँ की पूजा-अनुष्ठान के दौरान पूजन कक्ष एवं मुख्य द्वार पर आम या अशोक के हरे-हरे पत्तों की बंदनवार लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती, ध्यान रहे बंदनवार सूखने पर तुरंत दूसरी बाँध दें।

Navratri 2022:  – मातारानी की पूजा करते समय अखंड दीप को पूजा स्थल के आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व में रखना शुभ होता है क्योंकि यह दिशा अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करती है,ऐसा करने से आग्नेय दिशा के वास्तुदोष दूर होकर घर में रुका हुआ धन प्राप्त होता है।इसके अलावा आग्नेय कोण में अखंड ज्योति या दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है।

– नवरात्रि के दिनों में संध्याकाल के समय पूजन स्थल पर शुद्ध घी का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बुरी शक्तियां दूर भागती हैं घर के सदस्यों को प्रसिद्धि मिलती है व रोग एवं क्लेश दूर होते है।

– पूजा कक्ष के दरवाज़े पर हल्दी, सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से मां की कृपा प्राप्त होती है, वास्तु दोषों से उत्पन्न बुरे प्रभाव दूर होते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार शंख ध्वनि व घंटानाद करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आस-पास का वातावरण शुद्ध और पवित्र होकर मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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– देवी मां का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिशा माना गया है इसलिए यह ध्यान रहे कि पूजा करते वक्त आराधक का मुख दक्षिण या पूर्व में ही रहे। वास्तु में शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से हमारी प्रज्ञा जागृत होती है एवं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से आराधक को मानसिक शांति अनुभव होती है, घर के क्लेशों का नाश होता है।

Navratri 2022: – वास्तु में मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में कन्याओं को देवी का रूप मानकर आदर-सत्कार करने एवं भोजन कराने से घर का वास्तुदोष दूर होता है, सुख-समृद्धि,ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। मनुष्य प्रकृति रूपी कन्याओं का पूजन करके साक्षात भगवती की कृपा पा सकते हैं। इन कन्याओं में माँ दुर्गा का वास रहता है। कन्या पूजन नवरात्रि पर्व के किसी भी दिन या कभी भी कर सकते हैं लेकिन अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। IBC 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।