Maa Tripura Sundari: देश ही नहीं विदेशों में भी माता रानी के कई दिव्य धाम हैं उनमें से एक हैं नेपाल का त्रिपुर सुंदरी मंदिर जहां नेपाल के साथ-साथ भारत से भी भक्तों की भीड़ मां के दर्शन को पहुंचती है। हिमालय से घिरा एक छोटा सा देश जो खुद में प्राकृतिक खूबसूरती के बड़े खजाने को समेटे हुए है सुंदर वादियां मनमोहक नजारे साथ ही सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण नेपाल, जहां हिंदू देवी देवताओं के कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, जिनमें से एक है बैतड़ी जिले का मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर। मां त्रिपुर सुंदरी पर लोगों की गहरी आस्था है। माता के दरबार में हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है। दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली मां त्रिपुर सुंदरी के दर पर भक्त बड़ी संख्या में शीश नवाने पहुंचते हैं। मान्यता है कि मां भगवती अपने सभी भक्तों का सारा जीवन सुख-समृद्धि भर देती हैं।
तंत्र-मंत्र के साधक करते हैं उपासना
शास्त्रों में देवी काली के दो रूप कृष्णवर्णा और रक्तवर्णा रूपों का वर्णन मिलता है। मां त्रिपुर सुंदरी देवी काली का रक्तवर्णा रूप है। मां त्रिपुर सुंदरी धन, ऐश्वर्य, भोग और मोक्ष की अधिष्ठात्री देवी है। सभी दसों महाविद्याओं में कोई भोग तो कोई मोक्ष में विशेष प्रभावी हैं लेकिन मां त्रिपुर सुंदरी समान रूप से दोनों ही प्रदान करती है। चतुर्भुजी मां के चारों हाथों में पाश, अंकुश, धनुष और बाण सुशोभित है। देवीभागवत में कहा गया है कि वर देने के लिए सदा-सर्वदा तत्पर मां भगवती का श्रीविग्रह सौम्य और हृदय दया से पूर्ण है। जो भी भक्त इनकी शरण में आया उसे मां का आशीर्वाद जरूर प्राप्त हुआ है। संसार के समस्त तंत्र-मंत्र साधक इनकी आराधना करते हैं।
बड़ी संख्या में भक्त होते हैं शामिल
मां के दर पर हर साल विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमें नेपाल के साथ-साथ भारत से भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है जिसमें श्रद्धालु सपरिवार शामिल होकर मां का आशीर्वाद पाते हैं। मां के दर पर आने वाले भक्त अपनी मुरादों के साथ आते हैं और माता उनके विश्वास को पूरा करते हुए उनकी हर इच्छा पूरी करती है। इसके कई प्रमाण देखने को मिल चुके हैं और अगर आगे भी देखने को मिले तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
Maa Tripura Sundari: त्रिपुर का अर्थ त्रिलोक होता है। पाताल, स्वर्ग और पृथ्वी यानी जो तीनों लोकों में वर्चश्व अथवा उसका आधिपत्य संभालती है और सुंदरी का अर्थ है ऐसा सौंदर्य जो अलौकिक है जो दिव्य है जो अद्भुत है। जो ऐसा है जिसे संस्कृत में कहा जाता है भूतो ना भविश्यत, यानी जो ना पहले कभी हुआ था ना आगे कभी होगा।