बिलासपुरः किसान परिवार में जन्मीं डॉक्टर इंदु अनंत को बचपन से पढ़ाई-लिखाई का बड़ा शौक था। गांव से मैट्रिक के बाद ही 17 साल की उम्र में शादी के बंधन में बंधी इंदु ने पढ़ते रहने, खुद को साबित करने और समाज के लिए कुछ करने की ललक नहीं खोई।
डॉ इंदु के संघर्ष का ही नतीजा था कि ये मध्य प्रदेश की पहली महिला चयनित सहायक कुलसचिव के तौर पर चयनित हुईं। स्वतंत्र छत्तीसगढ़ में अलग-अलग विश्वविद्यालय में सेवा देने के बाद वे पं सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव आज भी अपनी पूर्री ऊर्जा के साथ सक्रिय हैं।
डॉ इंदु का संकल्प है ग्रामीण परिवेश के बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़ना, उन्हें रोजगार के लिए प्रेरित करना और प्लेसमेंट दिलाना, बच्चों को क्वालिटी ऐजुकेशन और रोजगारपरक शिक्षा के लिए सतत योगदान के लिए IBC24 नारी रत्न सम्मान प्रदान किया गया।