When will the urban body elections be held in Chhattisgarh?: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को एक साथ कराने का संकेत दिया है। इस फैसले के तहत नगरीय निकाय चुनाव, जो कि दिसंबर में प्रस्तावित थे, फिलहाल आगे बढ़ा दिए गए हैं। इसके लिए हाल ही में विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश किया गया था, जिसे मंजूरी भी मिल चुकी है।
संशोधित कानून के अनुसार, राज्य सरकार को स्थानीय चुनाव कराने के लिए अब छह महीने का अतिरिक्त समय मिल जाएगा। इसके साथ ही, विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि नगरीय निकायों के अध्यक्ष और महापौर का चुनाव अब स्वतंत्र रूप से होगा। यानी, नगर परिषद अब अध्यक्ष या महापौर का चयन नहीं करेगी।
When will the urban body elections be held in Chhattisgarh?: सरकार के इस कदम को चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे नगरीय प्रशासन में लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करने की उम्मीद है।
हालांकि राज्य सरकार के इस कदम का विपक्षी दल कांग्रेस ने पुरजोर तरीके से विरोध किया है। विपक्ष ने से आलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी शिकायत राज्य के राज्यपाल से भी की है। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।
When will the urban body elections be held in Chhattisgarh?: डॉ चरण दास महंत ने पत्र में लिखा है कि, छत्तीसगढ़ विधान सभा सत्र दिसम्बर 2024 में दिनांक 19 दिसम्बर 2024 को निम्नलिखित दो विधेयक पारित किये गये हैं जिसमें छत्तीसगढ़ नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 11 सन् 2024) और छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 12 सन् 2024) शामिल है।
उपरोक्त दोनों विधेयकों पर विधान सभा द्वारा विचार प्रारंभ किये जाने के पूर्व ही विपक्ष के द्वारा दोनों विधेयकों के संविधान के विरूद्ध होने के तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 – प (243-U) के विरूद्ध होने का कथन किया गया था और माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा Writ Petition (C) No. 278 of 2022 decided on may 10, 2022 का उल्लेख करते हुए अनुरोध किया गया था कि दोनों विधेयकों के कतिपय प्रावधान संविधान के विरूद्ध होने के कारण इन पर प्रस्तुत रूप में विचार करने में सदन के सक्षम नहीं होने का भी कथन किया गया, परंतु दोनों विधेयकों को पारित कर दिया गया।
When will the urban body elections be held in Chhattisgarh?: उन्होंने आगे लिखा है कि, उपरोक्त दोनों विधेयकों की प्रतिलिपि, माननीय उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त आदेश की प्रतिलिपि तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 प (243-U) की प्रति (अंग्रेजी तथा हिन्दी में) संलग्न है।
डॉ महंत ने बताया है कि, भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 – प ( 3 ) (क) में यह आदेशात्मक प्रावधान है कि नगरपालिका की पांच वर्ष की अवधि समाप्त होने के पूर्व नगरपालिका के गठन के लिए निर्वाचन किया जाएगा। परंतु उपरोक्त दोनों विधेयकों के पारित होने के पश्चात् अधिनियम बन जाने पर पांच वर्ष की अवधि के पूर्व नया निर्वाचन करने की बाध्यता समाप्त होकर 6 माह की अतिरिक्त अवधि अनुज्ञेय हो जाएगी अतः यह संविधान के उक्त प्रावधान के प्रभाव को निष्प्रभावी करने वाला संशोधन होगा। जो पूरी तरह से असंवैधानिक है।”
When will the urban body elections be held in Chhattisgarh?: गौरतलब है कि यह आशंका भी जताई गई थी कि कांग्रेस इस संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई करती है।