Reported By: dhiraj dubay
,कोरबा : Korba Congress Mayor Candidate छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने रविवार की देर रात महापौर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। कोरबा नगर निगम की सामान्य महिला सीट के लिए कांग्रेस ने उषा तिवारी पर अपना दांव खेला है। आपको बता दे पिछले 35 वर्षो से कांग्रेस में सक्रिय राजनीति कर रही उषा तिवारी ने साल 2014 के नगर निगम चुनाव में सामान्य वर्ग महिला के लिए सीट आरक्षित होने पर टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन उस वक्त पार्टी ने उषा तिवारी को दरकिनार कर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया था। जिसके बाद उषा तिवारी ने पार्टी के इस फैसले पर बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी थी। अब कांग्रेस ने 10 साल बाद उषा तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है।
Korba Congress Mayor Candidate छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में कोरबा नगर निगम का नाम भी सुमार है। इस सीट की राजनीति पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है। आपको बता दे मौजूदा वक्त में बीजेपी ने जहां पूर्वांचल से आने वाली संजू देवी राजपूत को महापौर का प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने ब्राम्हण समाज से आने वाली उषा तिवारी को अपना कैंडिडेट बनाकर मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद अब कोरबा नगर निगम में चुनावी रण सीधे तौर पर पूर्वांचल बनाम ब्राम्हण समाज के बीच सीधे नजर आ रहा है। राजनीतिक जानकारों की माने तो दोनों प्रत्याशियों को अपने समाज के वोट के साथ अन्य समाज के वोट बैंक पर भी विशेष ध्यान देना होगा। इसके साथ ही पिछले 10 साल में निगम की सत्ता में कांग्रेस के कार्यकाल का असर भी चुनाव परिणाम पर डाल सकता है। कोरबा नगर निगम के महापौर सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है।
Korba Congress Mayor Candidateमौजूदा राजनीति पर नजर डाले तो कांग्रेस और बीजेपी ने भले ही अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। लेकिन कोरबा नगर निगम की महापौर सीट पर प्रत्याशियों से ज्यादा मौजूदा मंत्री लखनलाल देवांगन और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की साख दांव पर लगी हुई है। ऐसे में उषा तिवारी के नाम का ऐलान होने के बाद जहां कांग्रेस एक बार फिर जहां एकजुटता के साथ चुनाव लड़कर लगातार तीसरी बार कांग्रेस का महापौर बनाने की जुगत लगायेगी। वहीं मंत्री लखनलाल देवांगन निगम की सत्ता से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में अपनी ताकत झोंकते नजर आयेंगे। वहीं जाति समीकरण की बात करे तो कोरबा नगरीय निकाय क्षेत्र में ब्राम्हण के साथ ही पूर्वांचल के काफी मतदाता है। इस लिहाज से निगम की सत्ता की लड़ाई सीधे तौर पर पूर्वांचल बनाम ब्राम्हण के बीच होगी। लेकिन इस लड़ाई में छत्तीसगढ़िया वोटर के साथ ही स्थानीय मुद्दे चुनाव पर काफी असर डालेंगे। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह मुकाबला एक तरफा न होकर काफी रोचक और कड़ा होने वाला है। जिस पर पूरे प्रदेश की नजर रहेगी।
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