Bilaspur Nagar Nigam Congress: बिलासपुर निगम में कांग्रेस के सामने नेता विपक्ष चुनने का संकट.. महज 18 पार्षदों में ज्यादातर नए चहरे..
कांग्रेस को सिर्फ विपक्ष में ही नहीं, बल्कि अपने संगठनात्मक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वह प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभा सके और जनता की आवाज बन सके।
Bilaspur Nagar Nigam Congress Leader of Opposition || Image- IBC24 News File
- बिलासपुर नगर निगम: कांग्रेस के सामने नेता प्रतिपक्ष चुनने की चुनौती, नए चेहरे हावी
- नगर निगम में भाजपा का वर्चस्व, कांग्रेस महज 18 पार्षदों के साथ विपक्ष में सीमित
- कांग्रेस में मंथन जारी, प्रदेश नेतृत्व के निर्देश के बाद तय होगा नेता प्रतिपक्ष
Bilaspur Nagar Nigam Congress Leader of Opposition: बिलासपुर: नगर निगम चुनाव में जनता ने अपना जनादेश स्पष्ट कर दिया है। भाजपा को नगर सरकार की बागडोर सौंपते हुए कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका निभाने का जिम्मा मिला है। हालांकि, चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नहीं रहे, जिससे पार्टी को मजबूत विपक्ष देने की भी कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
बिलासपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष
70 वार्डों वाले नगर निगम में भाजपा के 49 पार्षद जीतकर आए हैं, जबकि 3 निर्दलीय पार्षदों ने भी जीत दर्ज की है। कांग्रेस महज 18 सीटों पर सिमट गई, जिसमें अधिकांश नए चेहरे हैं। अनुभवी और सीनियर पार्षदों की कमी के कारण कांग्रेस के सामने नेता प्रतिपक्ष तय करने की चुनौती और भी बढ़ गई है।
नेता प्रतिपक्ष का चयन
Bilaspur Nagar Nigam Congress Leader of Opposition: कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि जनता ने उन्हें विपक्ष की भूमिका दी है, जिससे उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। वे शहर के हर मुद्दे को लेकर नगर सरकार से सवाल-जवाब करेंगे और जनता की आवाज को निगम में मजबूती से उठाएंगे।
वहीं, कांग्रेस के भीतर नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर मंथन जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) से निर्देश मिलते ही पार्षद दल की बैठक बुलाई जाएगी और नेता प्रतिपक्ष का नाम तय किया जाएगा। सभी कांग्रेस पार्षद विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और जिसे भी यह जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरे पार्षद दल का समर्थन मिलेगा।
Bilaspur Nagar Nigam Congress Leader of Opposition: फिलहाल, कांग्रेस को सिर्फ विपक्ष में ही नहीं, बल्कि अपने संगठनात्मक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वह प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभा सके और जनता की आवाज बन सके।

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