IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: 'अंकिता पांडेय' जिन्होंने उठाया यौन अपराध व नशे के गिरफ्त में जाते बच्चों को जागरूक करने का बीड़ा | IBC24 Nari Ratna Award 2021: 'Ankita Pandey' who raised awareness of sexual offenses and drug peddling

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: ‘अंकिता पांडेय’ जिन्होंने उठाया यौन अपराध व नशे के गिरफ्त में जाते बच्चों को जागरूक करने का बीड़ा

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: 'अंकिता पांडेय' जिन्होंने उठाया यौन अपराध व नशे के गिरफ्त में जाते बच्चों को जागरूक करने का बीड़ा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 PM IST
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Published Date: March 6, 2021 10:12 am IST

बिलासपुर। बच्चों के साथ ज्यादती…उनके यौन अपराधों का शिकार होने की सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी है…गुड और बैड टच की नासमझी…और डर के चलते बच्चे अक्सर बदनियती का शिकार बन जाते हैं…इसी महती कमी को दूर करने जीवन का लक्ष्य बनाया है…बिलासपुर की अंकिता पांडेय ने। अंकिता बच्चों को जागरूक करने के लिए नई सोच और नित नए प्रयासों से परहेज नहीं करतीं…बिलासपुर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम बस्तियों, ग्रामीण इलाकों और स्कूलों में जाकर अंकिता बच्चों को आसान तरीकों से गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करती हैं..बच्चों के बीच अंकिता के प्रयासों का असर भी नजर आता है…अलग सोच…मजबूत जज्बे और भरपूर हौसले की मिसाल बिलासपुर की अंकिता पांडेय को इस पर नारी रत्न सम्मान से नवाजा गया।

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समाज में कई महिलाएं ऐसी हैं जो मिशाल हैं। अपने प्रयास और कुछ अलग करने की सोच ने उन्हें खास और प्रेरक बना दिया है। बिलासपुर में ऐसी ही एक महिला है अंकिता अनुभव पांडेय। जिसकी सोच और प्रयासों ने समाज को नई दिशा और जागरूक करने का काम किया है। अंकिता युवा समाजसेवी है और अंकिता ने यौन अपराध व नशे के गिरफ्त में जाते बच्चों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। अंकिता स्लम बस्तियों, झुग्गी झोपड़ियों और स्कूलों में जाकर आसान तरीके से बच्चों को जागरूक करती हैं। नशे व माहवारी को लेकर भी अंकिता अवेयरनेस कैंपेन चलाती हैं।

दरअसल, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही अंकिता समाज के लिए कुछ अलग करने के लिए प्रेरित हुई। अंकिता ने इसके लिए यौन अपराध व नशे के खिलाफ जागरूकता को चुना। अंकिता ने देखा कि जागरूकता के अभाव में बच्चे यौन अपराध के शिकार हो रहे हैं और इसका सबसे ज्यादा असर स्लम बस्तियों और झुग्गी झोपडी में रहने वालेे बच्चों पर पड़ रहा है। अंकिता ने इसके लिए जागरुकता मुहिम की शुरूवात की। इस कैंपेन के तहत अंकिता झुग्गी झोपड़ी, स्लम बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों व स्कूलों में जाकर वहां के बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करती है। इसके लिए वह ऐसे तरीके अपनाती हैं जो बच्चों को आसानी से समझ में आ जाए। इसके साथ ही लैंगिक उत्पीड़न, नशा मुक्ति समेत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में भी वे जागरूक कर रही हैं। लड़कियों को होने वाली शारीरिक दिक्कतों को लेकर भी लगातार उनका अभियान चल रहा है।

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भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को भी आत्मनिर्भर बनाने के साथ चाइल्ड लाईन के सुपुर्द करने का काम भी अंकिता ने किया है। अंकिता के इस अभियान का असर भी समाज में दिखने लगा है। स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चे यौन अपराध और नशे को लेकर जागरूक हो रहे हैं। अंकिता के इस प्रयास का समाज में सकारात्मक असर दिख रहा है। अंकिता बताती हैं, कि यौन अपराध का सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी है। बच्चे जागरूकता की कमी और डर के कारण इसका विरोध नहीं कर पाते हैं और उन्हें यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ जाता है।

अंकिता का मानना है बचपन से बच्चों को यौन अपराध और नशे को लेकर जागरूक करना जरूरी है ताकि वे अपने साथ होने वाले यौन अपराध व नशे से होने वाले नुक़सान को लेकर जागरूक हो सकें। बहरहाल, अंकिता की यही सोच उन्हें समाज में खास बनाती है। वे आज समाज में महिलाओं के बीच मिसाल हैं। अपने सकारात्मक सोच के साथ समाज को नई दिशा देने वाली इस मातृ शक्ति को सलाम।

 

 
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