भोपालः MP Assembly Bypolls 2024 मध्यप्रदेश विधानसभा की बुधनी और विजयपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। सुचारु और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के बाद सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 2,54,817 है, जिसमें 1,33,581 पुरुष और 1,21,131 महिला और 103 सेवाकर्मी मतदाता शामिल हैं। जबकि बुधनी में 2,76,604 मतदाता हैं जिनमें 1,47,197 पुरुष, 1,33,401 महिला और 195 सेवाकर्मी वोटर शामिल हैं। मतदान केंद्रों की बात करें तो विजयपुर में 327 मतदान केंद्र हैं, जबकि बुधनी के लिए यह आंकड़ा 363 है।
MP Assembly Bypolls 2024 बता दें कि मध्यप्रदेश के विजयपुर और बुधनी विधानसभा सीटों में सुरक्षा के लिए लगभग 1,500 जिला पुलिसकर्मियों और पर्याप्त संख्या में होम गार्ड और विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को तैनात किया गया है। 100 से अधिक सेक्टर मजिस्ट्रेट और इतनी ही संख्या में सेक्टर पुलिस अधिकारियों की भी तैनाती की गयी है और वे मतदान की पूरी अवधि के दौरान अपने-अपने सेक्टर क्षेत्रों में भ्रमण करते रहेंगे।
बुधनी विधानसभा सीट, जो लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ मानी जाती है, उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई है। शिवराज सिंह यहां पिछले 5 बार से विधायक के रूप में जीत हासिल कर चुके हैं और अब इस सीट पर भाजपा के रमाकांत भार्गव और कांग्रेस के राजकुमार पटेल के बीच सीधा मुकाबला है।
विजयपुर विधानसभा श्योपुर जिले में स्थित है। यह एक आदिवासी बहुल सीट है। यहां उपचुनाव कांग्रेस से छह बार विधायक रहे रामनिवास रावत के दल बदलने के कारण हो रहा है। अब रावत बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार दल बदलकर आमने-सामने हैं।
2023 के चुनाव में श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से कांग्रेस के रामनिवास रावत जीते थे। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद से विजयपुर विधानसभा सीट खाली है। वहीं 2023 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी। बाद में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी उन्हें सांसदी का टिकट दिया, तो भी जीत गए। इस कारण बुधनी विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा।