Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat: स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति आज, इस शुभ मुहूर्त में करें सूर्यदेव की आराधना, जानें पूजा विधि

Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat: स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति आज, इस शुभ मुहूर्त में करें सूर्यदेव की आराधना, जानें पूजा विधि

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  • Publish Date - January 14, 2025 / 06:49 AM IST,
    Updated On - January 14, 2025 / 07:23 AM IST

Makar Sankranti 2025: ग्रहों के राजा सूर्य आज धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। आज यानि 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही है। माना जाता है कि इस दिन से सूर्य के प्रभाव में तेजी आती है। इसी दिन से खरमास खत्म होता है और शुभ व मांगलिक कार्यों जैसे शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति के दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में आज के दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान करना अच्छा होता है।

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Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी 2025 को ही मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य सुबह 8 बजकर 41 मिनट मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति पर महापुण्य काल का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:27 से सुबह 06:21 तक रहेगा। वहीं, दान का पुण्य काल सुबह 09 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

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Makar Sankranti 2025 Mahatv

पौराणिक मान्यतानुसार मकर संक्रांति के दिन पशुओं को हरा चारा डालने, खिचड़ी, तिल से बनी खाद्य सामग्री और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य 6 महीने उत्तरायन और 6 महीने दक्षिणायन रहता है। भगवान सूर्य मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण यानी मकर से उत्तर दिशा की ओर जाते हैं। इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी पर्व कहा जाता है।

Makar Sankranti 2025 Puja Vidhi

  • सबसे पहले सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं।
  • फिर लाल रंग के कपड़े धारण करें।
  • इसके बाद पानी में गंगाजल और मिलाकर स्नान करें।
  • फिर गणेश जी का ध्यान करें।
  • इसके बाद तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, लाल रोली, गुड़, अक्षत और काला तिल मिलकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र ‘ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा’ पढ़ें।
  • अर्घ्य देते समय जल की धारा में देखकर सूर्य देव का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद सूर्य देव को धूपबत्ती या घी का दीपक दिखाएं और 3 बार परिक्रमा करें।
  • अब भोग अर्पित करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें।

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