Gwalior Lok Sabha Eletion 2024 : इस बार किसके पाले में होगी ग्वालियर की सीट? बीजेपी-कांग्रेस के नए चेहरे लगा रहे जोर, जानें क्या कहता है जनता का मिजाज..

Gwalior Lok Sabha Election 2024: This time in whose favor will the Gwalior seat be? New faces of BJP-Congress are making efforts, know what the mood of the public says..

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  • Publish Date - May 1, 2024 / 09:43 PM IST,
    Updated On - May 1, 2024 / 09:43 PM IST

Gwalior Lok Sabha Eletion 2024 : ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट देश की VVIP सीटों में से एक है। इस सीट से देश के कई दिग्गज नेता सांसद रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया। लेकिन इस बार का चुनाव कांग्रेस के युवा चेहरों के बीच में है। दोनों ही चेहरे एक दूसरे को राजनीति के मैदान में चित करने की कोशिश में लगे हुए। ऐसे में देखते है हम, माहौल टाइट है..!

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मध्य प्रदेश के चार महानगरों में से एक ग्वालियर जिला बेहद महत्वपूर्ण लोकसभा सीट है। इस लोकसभा सीट में पूरा ग्वालियर जिला और कुछ हिस्सा शिवपुरी जिले का आता है। यहां की राजनीति भी सिंधिया घराने के इर्द-गिर्द ही चलती है। ग्वालियर लोकसभा सीट से भी माधवराव सिंधिया लंबे समय तक लोकसभा में रहे हैं। हालांकि इसके बाद इस सीट पर यशोधरा राजे सिंधिया भी चुनाव जीती हैं। चंबल क्षेत्र के सटे ग्वालियर संभाग की यह सीट राजघराने की वर्चस्व वाली सीट है।

ग्वालियर लोकसभा का समीकरण

– ग्वालियर लोकसभा में आठ विधानसभा आती है।
– ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर दक्षिण, ग्वालियर भितरवार, दो शिवपुरी जिले की पोहरी ओर करैरा विधानसभा भी आती है।
– लोकसभा के 21 लाख 54 हजार 581 मतदाता है, जो इस बार वोट करेगें।
– यहां की 51.04 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 48.96 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है।
– ग्वालियर में 19.59 फीसदी लोग अनुसूचित जाति के हैं और 5.5 फीसदी लोग अनुसूचित जनजाति के हैं।
– ग्वालियर में अब तक 19 बार लोकसभा के चुनाव हुए हैं जिसमें से 8 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी और 2 बार हिंदू महासभा को जीत मिली है।
– 2007- यशोधरा राजे सिंधिया, बीजेपी- कांग्रेस से अशोक सिंह को 35 हजार वोट से हराया था।
– 2009- यशोधरा राजे सिंधिया, बीजेपी- कांग्रेस के अशोक सिंह को 26 हजार वोट से हराया।
– 2014- नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी – कांग्रेस के अशोक सिंह को नरेंद्र सिंह तोमर ने 29 हजार वोट से हराया।
– 2019- विवेक शेजवलकर, बीजेपी- कांग्रेस के अशोक सिंह को विवेक शेजवलकर से 1.47 लाख वोट से हराया था।

2024 के लोकसभा में बीजेपी ओर कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी आमने-सामने

 भारत सिंह कुशवाहा, बीजेपी प्रत्याशी- शिवराज सरकार में मंत्री थे। दो बार के विधायक है। शिक्षा- 12वीं तक पढ़े। पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के करीबियों में शुमार हैं। साल 2013 व साल 2018 में ग्वालियर की ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से भाजपा के लिए विधायक बन चुके हैं। साल 2018 में वह एक मात्र भाजपा नेता थे जो ग्वालियर में चुनाव जीते थे। जिले की शेष पांच सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यही कारण है कि उनको तोहफे के रूप में शिवराज सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था। इसके अलावा वह भाजपा संगठन में भी कई पद पर रह चुके हैं जिनमें प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं। उनकी संगठन में मजबूत पकड़ रही है। प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री रहते हुए भारत सिंह कुशवाह ने ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में करोड़ों के काम कराए थे।

 प्रवीण पाठक- कांग्रेस प्रत्याशी- उम्र 41 वर्ष है और वह ग्रेजुएट हैं। शहर के बड़े व साफ छवि के नेताओं में उनकी गिनती होती है। वह साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान मोहन यादव की सरकार में मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को हराकर विधायक बने थे। यह सीट कुशवाह समाज बाहुल्स सीट थी। इसी विधानसभा क्षेत्र में वह साल 2023 का विधानसभा चुनाव दो हजार वोट से हार गए थे। युवा चेहरा है, तेज तर्रार है… इसलिए कांग्रेस ने मैदान में उतरा है।

सिंधिया परिवार का गढ़ ग्वालियर

देखा जाए तो ग्वालियर लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का गढ़ मानी जाती है। सिंधिया परिवार का दबदबा होने के बाद भी यह सीट कभी किसी एक पार्टी के खाते में नहीं रही। इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विजयाराजे सिंधिया, कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया, भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, जयभान सिंह पवैया ओर विवेक शेजवलकर सांसद रह चुके है। दूसरी ओर देखा जाए तो…. ग्वालियर लोकसभा सीट भले ही एक सीट हो, लेकिन यहां की राजनीति का असर ग्वालियर-चंबल संभाग में दिखाई देता है। ये तो रही, प्रत्याशियों ओर इस लोकसभा सीट के प्रोफाइल की बात, लेकिन वोटर क्या चाहता है?

ग्वालियर लोकसभा सीट पर ये मुद्दे रहेंगे हावी

· ग्वालियर का मुख्य मुद्दा चंबल से पानी लाने का बना हुआ है।
· यहां पांच साल में एक भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ है। कांग्रेस इसे भी मुद्दा बनाएगी।
· उद्योगों के बंद होने से बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहेगा।
· रोपवे 3 दशक से हर चुनाव में मुद्दा रहा है। लेकिन आजतक बन नही पाया है।
· स्वर्णरेखा नदी में साफ पानी ओर नावं चलाने का मुद्दा अहम है।

ग्वालियर लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में जानी जाती है… इस सीट पर 8 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी और 2 जनसंघ का कब्जा रहा है। लेकिन इस बार बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं से लेकर राम मंदिर बनवाने के नाम पर वोट मांग रही है, तो कांग्रेस के पास ज्यादा कुछ नही है…. वह, संविधान बचाने के नाम पर वोट मांग रही है। ऐसे में देखना होगा, इस बार ग्वालियर का वोटर्स किसे लोकसभा के सदन में भेजता है।

 

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