जालना, 30 जनवरी (भाषा) मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने पांच दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार को अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया और दावा किया कि सरकारी प्रतिनिधियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी कई मांगें स्वीकार की जाएंगी।
जरांगे ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो मराठा समुदाय के सदस्य मुंबई तक मार्च करेंगे।
सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धास एवं जिला अधिकारी डॉ. श्रीकृष्ण पंचाल की मौजूदगी में भूख हड़ताल समाप्त की।
जरांगे ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार के प्रतिनिधियों ने उनसे वादा किया है कि शिंदे समिति को फिर से सक्रिय करने सहित उनकी कई मांगें पूरी की जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने आश्वासन दिया है कि मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे, जबकि समुदाय के सदस्यों के लिए ‘कुनबी’ प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अलग से अनुभाग स्थापित किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि मराठों के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के प्रावधानों को भी लागू किया जाएगा, जबकि आरक्षण आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले समुदाय के सदस्यों को मुआवजा दिया जाएगा।
हालांकि, जरांगे ने कहा कि सरकार ने मसौदा अधिसूचना को लागू करने के लिए और समय मांगा है जो कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयारे’ (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देता है ताकि उन्हें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जा सके।
मराठों को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की पद्धति निर्धारित करने और उनके सदस्यों को कुनबी समुदाय का हिस्सा साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से सात सितंबर, 2023 को शिंदे समिति का गठन किया गया था।
भाषा रंजन संतोष
संतोष