(तस्वीरों के साथ)
मुंबई,10 अक्टूबर (भाषा) महान उद्योगपति रतन टाटा को यहां राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (एनसीपीए) में बृहस्पतिवार को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए छात्रों और युवाओं के लिए, वह सिर्फ एक उद्योगपति ही नहीं थे बल्कि मानवीय मूल्यों के एक जीवंत प्रतीक और एक आदर्श व्यक्ति थे जो परोपकार और पशुओं के प्रति अपने प्रेम के लिए भी जाने जाते थे।
नागपुर के रहने वाले और शहर के एक कॉलेज में एमबीए के छात्र अभिषेक गभने (23) टाटा को श्रद्धांजलि देने दक्षिण मुंबई स्थित एनसीपीए आए थे।
टाटा का बुधवार रात यहां एक अस्पताल में निधन हो गया था।
उनके लिए टाटा परोपकार की परिभाषा थे।
छात्र ने कहा, “मुझे लगा कि मैंने अपने परिवार का कोई सदस्य खो दिया है। उन्होंने लोगों और देश के लिए बहुत कुछ किया।”
उन्होंने उमस और लंबी कतार से जूझते हुए कहा, “यदि लोग लालबागचा राजा (गणेश पंडाल जो बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है) जा सकते हैं, तो निश्चित रूप से उस राजा के प्रति सम्मान प्रकट करने जा सकते हैं जिन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया।”
एक अन्य कॉलेज छात्र और मुंबई के कोलाबा क्षेत्र के निवासी रोहित राठौड़ (22) भी दिग्गज उद्योगपति द्वारा टाटा ट्रस्ट के माध्यम से किए गए कार्यों और एक पशु प्रेमी के रूप में उनके सम्मान में एनसीपीए में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा, “ऐसे लोग दुनिया में बार-बार नहीं आते।”
‘सेंटर फॉर डेवलपिंग एडवांस्ड कंप्यूटिंग’ के कर्मचारी सुजय कुलकर्णी (24) ने कहा कि वह बचपन से ही टाटा के परोपकारी कामों के बारे में सुनते आ रहे हैं।
उन्होंने रतन टाटा के जीवन को ‘युगपुरुष’ जैसा बताया।
कुलकर्णी ने कहा, “अगर आप उनका सम्मान नहीं करेंगे तो फिर किसका सम्मान करेंगे।”
रतन टाटा को टाटा समूह को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित समूह में बदलने का श्रेय दिया जाता है।
राजनेताओं, कॉर्पोरेट नेताओं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोग एनसीपीए पहुंचे और दिग्गज उद्योगपति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम दर्शन के लिए टाटा का पार्थिव शरीर एनसीपीए में रखा गया है।
भाषा प्रशांत नरेश
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