महाराष्ट्र। Transfer of tigers in Maharashtra: यहां की सरकार जल्द ही चंद्रपुर जिले से नवेगांव नागजीरा टाइगर प्रोजेक्ट में बाघों का स्थानांतरण शुरू करने के की तैयारी में है। महाराष्ट्र वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस परियोजना के लिए 15 सितंबर को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से आवश्यक अनुमति प्राप्त की थी, जो कुछ समय से ड्राइंग बोर्ड पर है। बता दे कि राज्य में बाघों का इस तरह का पहला वैज्ञानिक संरक्षण पुनर्वास होगा। इसके पीछे का उद्देश्य अधिक बाघ वाले क्षेत्रों में बाघों की आबादी को कम करना, मानव-पशु संघर्ष को कम करना तथा उन क्षेत्रों में बाघों को फिर से लाना है जहां इन मांसाहारियों की संख्या कम है।
Transfer of tigers in Maharashtra: वन के प्रधान मुख्य संरक्षक सुनील लिमये ने बताया कि यह महाराष्ट्र में इस तरह का पहला संरक्षण स्थानान्तरण होगा। वैज्ञानिक जनसंख्या प्रबंधन के लिए ब्रम्हापुरी वन प्रभाग से चार से पांच युवा मादा बाघों को एनएनटीआर में स्थानांतरित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि हम पहले दो बाघों को रिहा करेंगे, उनकी निगरानी करेंगे और एक बार जब वे बस जाएंगे, तो अन्य को भी रिहा कर देंगे।
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Transfer of tigers in Maharashtra: इस परियोजना की सफलता से बाघों की भीड़भाड़ वाले परिदृश्य से एनएनटीआर और सह्याद्री बाघ परियोजना जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की संभावनाएं खुल जाएंगी, जिनमें इन मांसाहारी की संख्या कम है। विदर्भ में बाघों की संख्या 2020 में 331 से बढ़कर 2021 में 396 हो गई है। चंद्रपुर जिले में इनमें से लगभग 60 % हैं, जिससे मानव-पशु संघर्ष होते हैं। वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मपुरी में 50 वयस्क बाघ और 25-25 उप-वयस्क और शावक थे। यह देश में कई बाघ परियोजनाओं से अधिक है।