तिरुपति लड्डू विवाद: तेदेपा ने स्वतंत्र जांच संबंधी न्यायालय की टिप्पणी का स्वागत किया

तिरुपति लड्डू विवाद: तेदेपा ने स्वतंत्र जांच संबंधी न्यायालय की टिप्पणी का स्वागत किया

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 09:58 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 09:58 PM IST

अमरावती, 30 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय द्वारा तिरुपति लड्डू विवाद पर आंध्र प्रदेश की तेदेपा नीत सरकार से कई सवाल पूछे जाने के बाद सत्तारूढ़ दल ने सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर कही गई बातों पर कायम है और वह ‘केंद्रीय’ जांच के लिए भी तैयार है, हालांकि राज्य पुलिस की एसआईटी मामले की जांच कर रही है।

राज्य की विपक्षी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वी दल पर निशाना साधने के लिए किया और कहा कि लड्डू प्रसादम मुद्दे पर किए गए ‘घृणित’ दुष्प्रचार ने पूरी दुनिया को आहत किया है।

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था, जैसा कि हाल में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था।

तेदेपा प्रवक्ता पट्टाभि राम कोम्मारेड्डी ने कहा, ‘‘हमने जो भी बातें जनता के सामने रखी हैं, हम उस पर कायम हैं।’’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। सौ प्रतिशत यह (मिलावटी घी) इस्तेमाल किया गया था, हमारे पास साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। हमने सब कुछ जनता के सामने रख दिया है। इसलिए, इसे अदालत के सामने भी रखा जाएगा।’’

मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोई दिक्कत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। एसआईटी अपना काम कर रही है। अगर उच्चतम न्यायालय कहता है कि केंद्र सरकार की एजेंसियों को भी इसमें शामिल होना चाहिए, तो हमें खुशी होगी। हमें कोई दिक्कत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। अगर उच्चतम न्यायालय यह फैसला करता है कि केंद्र सरकार की एजेंसियों को भी जांच करनी चाहिए, तो हम इसका स्वागत करते हैं। आंध्र प्रदेश सरकार के तौर पर हम इसका स्वागत करते हैं।’’

उच्चतम न्यायालय ने भगवान को राजनीति से दूर रखने की बात कहते हुए सोमवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू के उस सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य की पूर्ववर्ती वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट ‘‘बिलकुल भी स्पष्ट नहीं’’ है और प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि ‘अस्वीकृत घी’ का परीक्षण किया गया था।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, ‘‘रिपोर्ट से साफ है कि यह वह घी नहीं है, जिसका इस्तेमाल किया गया है। जब तक आप आश्वस्त न हों, आप इसे लेकर जनता के बीच कैसे गए?’’

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए।

विपक्षी वाईएसआरसीपी ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। पार्टी नेता बी करुणाकर रेड्डी ने कहा, ‘‘लड्डू प्रसादम मुद्दे पर किए गए घृणित दुष्प्रचार ने पूरी दुनिया को बहुत आहत किया है। एक भयावह माहौल बनाया गया और हिंदू समुदाय को हिंसा का शिकार होना पड़ा।’’

रेड्डी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के दो बार अध्यक्ष रहे हैं। टीटीडी आंध्र प्रदेश में तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है।

रेड्डी के अनुसार, तेदेपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने भगवान को राजनीति में घसीटकर बहुत बड़ा अन्याय किया है, जबकि ऐसा न करने की भावुक अपील की गई थी।

तेदेपा प्रवक्ता ज्योष्णा तिरुनागरी ने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और अदालतें अपना काम करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘और यह सच है कि जो घी इस्तेमाल किया गया वह मिलावटी था।’’

भाषा अमित माधव

माधव