मुंबई, 26 दिसंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय कवायद शुरू की। उनके एक करीबी सहयोगी ने यह जानकारी दी।
मुंबई में अगले साल नगर निकाय चुनाव होने की संभावना है।
बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में 2022 में विभाजन के बाद उद्धव की पार्टी के लिए हाल में महाराष्ट्र में संपन्न विधानसभा चुनाव को एक परीक्षा के तौर पर देखा गया था। शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का एक घटक दल है।
एमवीए हालांकि राज्य की 288 विधानसभा सीट में से केवल 46 सीट ही जीत पाई, जिनमें से 20 सीट पर शिवसेना (यूबीटी) ने विजय हासिल की थी। मुंबई की 36 विधानसभा सीट में से शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीट पर चुनाव लड़ा था और 10 पर जीत हासिल की थी।
शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने कहा, ‘‘उद्धव जी मुंबई के सभी 227 नगरपालिका वार्डों में शिवसेना (यूबीटी) की चुनावी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। विचार-विमर्श तीन दिनों तक चलेगा।’’
यदि उच्चतम न्यायालय जनवरी में “ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) कोटा” पर अपना फैसला देता है तो बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत स्थानीय निकाय चुनाव मार्च-अप्रैल 2025 में हो सकते हैं।
बीएमसी समेत ज्यादातर नगर निकायों और राज्य के कई अन्य स्थानीय निकायों का पांच साल का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो गया था।
उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2021 में फैसला दिया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि सरकार शीर्ष अदालत के 2010 के आदेश में निर्धारित ‘तीन कसौटियों’ को पूरा नहीं करती।
तीन कसौटियों के लिए राज्य सरकार को प्रत्येक स्थानीय निकाय में ओबीसी के पिछड़ेपन पर आंकड़े एकत्र करने के लिए एक समर्पित आयोग स्थापित करने की आवश्यकता थी, ताकि आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय किया जा सके, तथा यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसा आरक्षण एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीट के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
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