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मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि पानीपत की तीसरी लड़ाई इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकता का संदेश ‘एक हैं तो सेफ हैं’ क्यों महत्वपूर्ण है।
फडणवीस 14 जनवरी, 1761 के ऐतिहासिक युद्ध में मराठा सैनिकों के बलिदान की याद में हरियाणा के पानीपत में आयोजित 264वें ‘शौर्य दिवस’ समारोह में बोल रहे थे।
अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की हमलावर सेना ने इस युद्ध में मराठा को हराया था जिसमें दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे गए थे। फडणवीस ने कहा, ‘‘पानीपत की तीसरी लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक है तो सेफ हैं’ के नारे के साथ एकजुटता के आह्वान की आवश्यकता को साबित करती है।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा, ‘‘आज भी भारतीय संस्कृति का विरोध करने वाले तत्व हमारे देश के लिए चुनौतियां पेश कर रहे हैं। हम संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर, एकजुट रहकर और मजबूत राष्ट्रवाद को बढ़ावा देकर इन ताकतों को हरा सकते हैं।’’
फडणवीस ने कहा कि मराठा सैनिकों के एक छोटे समूह ने आक्रमणकारी अब्दाली की विशाल सेना के खिलाफ अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन किया और मराठा सैनिकों का बलिदान प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, ‘‘मराठा योद्धाओं के खून से सनी पानीपत की धरती हमारे लिए पवित्र है।’’
फडणवीस ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और समारोह के दौरान महाराष्ट्र के अमरावती के नितिन धांडे को 2025 का पहला शौर्य पुरस्कार (बहादुरी के लिए पुरस्कार) प्रदान किया।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वीरता और एकता के प्रतीक के रूप में पानीपत में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार भूमि उपलब्ध कराने वाले किसानों को उचित मुआवजा देगी।
फडणवीस ने कहा कि शिवाजी महाराज ने ‘हिंदवी स्वराज्य’ की स्थापना के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज और पेशवा बाजीराव प्रथम सहित उनके बाद आए नेताओं ने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया और भारत की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा की।
भाषा आशीष माधव
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