गोखले संस्थान के मूल निकाय के सचिव को धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया

गोखले संस्थान के मूल निकाय के सचिव को धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया

गोखले संस्थान के मूल निकाय के सचिव को धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया
Modified Date: April 7, 2025 / 10:27 am IST
Published Date: April 7, 2025 10:27 am IST

पुणे, सात अप्रैल (भाषा) पुणे पुलिस ने गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (जीआईपीई) की मूल संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ (एसआईएस) के सचिव को धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डेक्कन जिमखाना पुलिस थाने के अधिकारी ने रविवार को बताया कि जीआईपीई के उप पंजीयक विशाल गायकवाड़ की शिकायत पर मिलिंद देशमुख को शनिवार को गिरफ्तार किया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘जीआईपीई की 1.5 करोड़ रुपये की निधि का कथित तौर पर इस्तेमाल एसआईएस के लिए जमीन खरीदने के वास्ते किया गया। यह कथित दुरुपयोग 2022-23 में हुआ। देशमुख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 406, 420 और 34 के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।’’

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शिकायत में कहा गया कि एसआईएस सचिव के रूप में काम करते हुए देशमुख ने दिसंबर 2022 में गोखले संस्थान को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने नागपुर में एसआईएस की 1.5 करोड़ रुपये की कीमत की जमीन को ‘फ्री होल्ड’ (पूरी तरह से मालिकाना हक देने) किए जाने की मांग की थी।

शिकायत में कहा गया, ‘‘देशमुख ने कोई अनुमति नहीं ली थी। एसआईएस के अधिकारिक पत्र का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर गोखले संस्थान की मुहर लगी थी। उक्त मांग पत्र प्राप्त होने के बाद गोखले संस्थान के प्रबंधन बोर्ड ने 14 दिसंबर 2022 को तुरंत इसे मंजूरी दे दी।’’

शिकायत में कहा गया कि फरवरी 2023 में जीआईपीई ने एसआईएस को नागपुर में जमीन के लिए 1.50 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बारे में सूचित किया।

इसमें कहा गया, ‘‘देशमुख और उनके अन्य सहयोगियों ने योजनाबद्ध तरीके से आदेश का उल्लंघन किया। देशमुख की मांग के अनुसार, 1.02 करोड़ रुपये नागपुर जिलाधिकारी के खाते में भेजे गए, जबकि शेष 40 लाख रुपये चेक के माध्यम से एसआईएस के खाते में भेजे गए।’’

शिकायत में कहा गया कि 40 लाख रुपये का इस्तेमाल पुराने दस्तावेज, स्टांप ड्यूटी, ठेकेदार शुल्क, प्रशासनिक व्यय और अन्य खर्चों के लिए किया गया।

इसमें आरोप लगाया गया कि उक्त व्यय को देखते हुए ऐसा लगता है कि आरोपी ने इस राशि का दुरुपयोग अपने फायदे के लिए किया।

भाषा

खारी सिम्मी

सिम्मी


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