मुंबई, 20 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेट प्रशासक ललित मोदी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उनकी एक याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन पर लगाया गया 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश देने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा कि याचिका पूरी तरह गलत धारणा पर आधारित और महत्वहीन है, क्योंकि फेमा के तहत निर्णय लेने वाले प्राधिकार ने ललित मोदी पर जुर्माना लगाया है।
ललित मोदी ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें बीसीसीआई उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिस दौरान वह इंडियन प्रीमियर लीग के शासी निकाय के अध्यक्ष भी थे जो बीसीसीआई की एक उपसमिति थी।
याचिका में दावा किया गया कि बीसीसीआई को नियमों के अनुसार उनकी क्षतिपूर्ति करनी थी।
हालांकि, उच्च न्यायालय की पीठ ने 2005 के उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि बीसीसीआई ‘राज्य’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आता, जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत परिभाषित किया गया है।
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद ललित मोदी ने 2018 में याचिका दायर की है।
भाषा वैभव दिलीप
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