अदालत ने मरीजों के आश्रय गृह पर तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर बीएमसी पर दो लाख का जुर्माना लगाया

अदालत ने मरीजों के आश्रय गृह पर तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर बीएमसी पर दो लाख का जुर्माना लगाया

अदालत ने मरीजों के आश्रय गृह पर तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर बीएमसी पर दो लाख का जुर्माना लगाया
Modified Date: April 9, 2025 / 09:20 pm IST
Published Date: April 9, 2025 9:20 pm IST

मुंबई, नौ अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने टाटा मेमोरियल अस्पताल (टीएमएच) में इलाज करा रहे कैंसर रोगियों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के वास्ते एक धर्मार्थ संस्था द्वारा संचालित संरचना को ध्वस्त करने की ‘‘अहंकारपूर्ण और मनमानी’’ कार्रवाई के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

न्यायमूर्ति गौरी गोडसे ने चार अप्रैल को यह आदेश दिया, जो बुधवार को उपलब्ध कराया गया।

न्यायमूर्ति गोडसे ने कहा कि बीएमसी ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और संरचना के कब्जेदारों को कोई सूचना दिए बिना ‘‘जल्दबाजी’’ में तोड़फोड़ की कार्रवाई की।

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पीठ ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान असंवेदनशीलता दिखाने के लिए निगम अधिकारियों की खिंचाई करते हुए बीएमसी पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया। बीएमसी चार सप्ताह के भीतर वादी को इस रकम का भुगतान करेगी।

अदालत बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ धर्मार्थ संस्था द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

टीएमएच के निकट एक भूखंड पर स्थित संरचना को चार जनवरी को ध्वस्त कर दिया गया था।

यह देखते हुए कि वादी ‘मेसर्स मेहता एंड कंपनी’ को एक अपूरणीय क्षति हुई है, अदालत ने बीएमसी को संस्था को उसी क्षेत्र में ध्वस्त संरचना (1,319 वर्ग फुट) के क्षेत्रफल के बराबर एक अस्थायी वैकल्पिक ढांचा प्रदान करने का निर्देश दिया।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल


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