ठाणे, चार जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 31 वर्षीय एक व्यक्ति को बरी कर दिया है, जिस पर एक किशोरी का अपहरण और यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।
अदालत ने कहा कि चूंकि लड़की ने कहा है कि वह आरोपी से शादी कर चुकी है और उसे आरोपी से कोई शिकायत नहीं है, इसलिए आरोपी को बरी किया जाता है।
एक जनवरी के अदालत के आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई, जिसमें विशेष न्यायाधीश डी. एस. देशमुख ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।
जनवरी 2019 में एक व्यक्ति पर कथित तौर पर पड़ोसी की किशोर बेटी को कई जगहों पर ले जाने के लिए अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। वापस लौटने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धाराएं जोड़ी गईं।
हालांकि, मुकदमे के दौरान किशोरी ने अदालत को बताया कि आरोपी ने कभी उससे जबरदस्ती नहीं की और उनके बीच जो कुछ भी हुआ, वह सहमति से हुआ। किशोरी ने यह दावा भी किया कि वह उस समय 18 वर्ष की थी और जो कर रही थी, उसके परिणाम जानती थी।
शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने आरोपी से शादी कर ली है और उनका एक बेटा है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि वे शांति से रह रहे हैं।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘पीड़िता के बयानों से साफ पता चलता है कि वह स्वेच्छा से आरोपी के साथ भागी थी। पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप साबित नहीं हुए। इसलिए, आरोपी को बरी किया जाता है।”
भाषा जोहेब दिलीप
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