ठाणे (महाराष्ट्र), चार फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 14 वर्षीय सौतेली बेटी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति को नाबालिग द्वारा आरोपों से इनकार किए जाने के बाद बरी कर दिया।
विशेष पॉक्सो न्यायाधीश रूबी यू. मालवणकर ने भारतीय दंड संहिता और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों से व्यक्ति को बरी कर दिया।
अदालत द्वारा 23 जनवरी को पारित आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। विशेष सरकारी अभियोजक ने अदालत को बताया कि लड़की मीरा रोड में अपनी मां और सौतेले पिता के साथ रहती थी।
लड़की ने आरोप लगाया था कि उसके सौतेले पिता ने उसे अनुचित तरीके से छुआ और उसे अश्लील वीडियो दिखाए तथा उत्पीड़न जनवरी 2021 से फरवरी 2021 के बीच हुआ।
लड़की की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया तथा पांच महीने तक जेल में रहा।
न्यायाधीश ने कहा कि दोनों प्रमुख गवाह, लड़की और उसकी मां जो आरोपी के कथित दुर्व्यवहार और कदाचार के बारे में गवाही दे सकते थे, अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन करने में विफल रहे।
अदालत ने कहा कि दोनों ने कहा था कि व्यक्ति लड़की को पीटता था और पिटाई से नाराज होकर उसकी मां ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने तथ्यात्मक परिस्थितियों का बढ़ा-चढ़ाकर बताया क्योंकि उन्हें लगा कि पुलिस व्यक्ति को पीटेगी और दो-तीन दिन बाद उसे छोड़ देगी।
लड़की ने अपनी गवाही में कहा कि जब वह कोई गलती करती थी तो उसका सौतेला पिता उसे पीटता था और उक्त दिन उसने उसे इसलिए पीटा क्योंकि उसे लगा कि वह उसका मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रही है। इसलिए गुस्से में आकर उसने शिकायत दर्ज कराई।
उसने इस बात से भी इनकार किया कि व्यक्ति ने उसे अश्लील वीडियो दिखाए और उसे गलत तरीके से छुआ।
भाषा सुरभि नरेश
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