पुणे, 25 नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह में उनका साथ देने वाले विधायकों में से किसी को भी विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख में शिंदे को याद दिलाया कि 2022 में गुवाहाटी में उनके साथ मौजूद 40 विधायकों में से पांच को हालिया विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
शिवसेना (उबाठा) ने अपने लेख में कहा कि सदा सरवणकर को माहिम से, यामिनी जाधव को भायखला से, शाहजी बापू पाटिल को संगोला से, संजय रायमूलकर को मेहकर से और ज्ञानराज चौगुले को उमरगा से हार का सामना करना पड़ा था।
जून 2022 में, महा विकास आघाडी में मंत्री शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ 40 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया था। विद्रोही पहले गुजरात के सूरत गए और फिर असम के गुवाहाटी चले गए थे।
विद्रोह के कारण ठाकरे सरकार गिर गई थी, जिसके बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।
महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किए गए।
महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं।
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन सिर्फ 46 सीट ही जीत सका। एमवीए में कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उबाठा) शामिल हैं।
भाजपा को 132 सीट मिलीं, शिवसेना को 57, जबकि राकांपा को 41 सीट मिलीं।
एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीट पर जीत दर्ज की।
भाषा रवि कांत रवि कांत रंजन
रंजन