शिवसेना (उबाठा) ने बदलापुर यौन हमले// के आरोपी की मुठभेड़ को लेकर फडणवीस को बनाया निशाना |

शिवसेना (उबाठा) ने बदलापुर यौन हमले// के आरोपी की मुठभेड़ को लेकर फडणवीस को बनाया निशाना

शिवसेना (उबाठा) ने बदलापुर यौन हमले// के आरोपी की मुठभेड़ को लेकर फडणवीस को बनाया निशाना

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Modified Date: January 22, 2025 / 04:43 PM IST
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Published Date: January 22, 2025 4:43 pm IST

मुंबई, 22 जनवरी (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने बुधवार को दावा किया कि मजिस्ट्रेट की जांच में बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की हिरासत में मौत के पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराये जाने से महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस विभाग के “झूठ” उजागर होती है।

अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में पार्टी ने लिखा है कि आरोपी अक्षय शिंदे की ‘मुठभेड़’ गृहमंत्री की ‘मंजूरी’ के बगैर संभव नहीं हुई होगी।

मजिस्ट्रेट की जांच में बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के एकमात्र आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में हुई मौत के लिए पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है तथा पिछले साल सितंबर में आत्मरक्षा में गोली चलाने के पुलिस के दावे पर संदेह प्रकट किया गया है। यह रिपोर्ट सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में सौंपी गयी थी।

मुख्यमंत्री फडणवीस उस समय उपमुख्यमंत्री थे और तब उनके पास गृह विभाग था। अब भी वह राज्य के गृहमंत्री भी हैं।

संपादकीय में कहा गया कि शिंदे की हत्या पर हमेशा से ही ‘संदेह’ बना हुआ था।

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ अदालत को ठाणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त, ठाणे के प्रभारी मंत्री (शंभुराज देसाई), (तत्कालीन) गृह मंत्री (फडणवीस) को भी जिम्मेदार ठहराना चाहिए। यह हत्या उनकी सहमति के बिना नहीं हुई होगी।’’

पार्टी ने कहा कि शिंदे पर अदालती सुनवाई होनी चाहिए थी और उन्हें कठोरतम सजा दी जानी चाहिए थी।

उसने कहा कि शिंदे पर मुकदमा चलाया जा सकता था लेकिन फडणवीस, तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं भाजपा को इस मुठभेड़ से ‘ड्रामा’ जो करना था।

संपादकीय में यह भी पूछा गया है कि बीड के मस्साजोह गांव के सरपंच संतोष देशमुख के हत्यारों को इसी तरह की मुठभेड़ में क्यों नहीं मारा गया।

विपक्ष देशमुख की हत्या को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है और आरोप लगा रहा है कि इसमें राकांपा मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी का हाथ है।

फडणवीस पर हमला करने से कुछ दिन पहले इसी समाचार पत्र के संपादकीय में नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली को इस्पात शहर में तब्दील कर देने के प्रयासों को लेकर उनकी तारीफ भी की गयी थी।

शिवसेना (उबाठा) ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल अक्षय शिंदे की मौत के बाद भाजपा और शिवसेना ने एक “कार्यक्रम” आयोजित किया क्योंकि वे विधानसभा चुनाव से पहले एक अनुकूल माहौल बनाना चाहती थीं।

भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की।

अक्षय शिंदे (24) को अगस्त 2024 में ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में ‘अटेंडेंट’ था।

उसे 23 सितंबर को पूछताछ के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल से ले जाया रहा था, रास्ते में पुलिस के साथ कथित गोलीबारी में उसकी मौत हो गई थी।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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