मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने अगस्त में ठाणे जिले के बदलापुर में दो नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण की घटना के खिलाफ प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रही एक पत्रकार के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के आरोपी शिवसेना नेता वामन म्हात्रे को सोमवार को गिरफ्तारी-पूर्व जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की एकल पीठ ने कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते क्योंकि म्हात्रे को शिकायतकर्ता की जाति की जानकारी नहीं थी या उनका इरादा जाति के खिलाफ टिप्पणी करने का नहीं था। पत्रकार अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती हैं।
म्हात्रे पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संबंधित प्रावधानों और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन पर बदलापुर के एक स्कूल में किंडरगार्टन की दो बच्चियों के यौन शोषण को लेकर बदलापुर रेलवे स्टेशन पर 20 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला पत्रकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और इशारे करने का आरोप है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी से जुड़े म्हात्रे ने कल्याण सत्र न्यायालय के 29 अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
भाषा वैभव नरेश
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