शिंदे सरकार के पास कोई दृष्टिकोण नहीं, लोगों को विधानसभा चुनावों में इसे हटाना होगा: जयंत पाटिल

शिंदे सरकार के पास कोई दृष्टिकोण नहीं, लोगों को विधानसभा चुनावों में इसे हटाना होगा: जयंत पाटिल

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  • Publish Date - September 9, 2024 / 07:03 PM IST,
    Updated On - September 9, 2024 / 07:03 PM IST

पुणे, नौ सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद पवार) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास कोई दूरदर्शिता नहीं है और इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों में उसे सत्ता से बेदखल किया जाना चाहिए।

पुणे यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (पीयूडब्ल्यूजे) द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में पाटिल ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार के तहत राज्य का कर्ज बढ़ रहा है, जबकि कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य के लिए अगले 50 वर्षों का दृष्टिकोण होना चाहिए। लोग दूरदर्शी सरकार चाहते हैं। इसलिए लोगों को इस सरकार को हटाने की दिशा में काम करना चाहिए, जो सत्ता बरकरार रखने के अस्थायी मिशन पर है।’’

राज्य सरकार की प्रमुख ‘लाडकी बहिन योजना’ के बारे में पाटिल ने कहा कि एकल और असहाय महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए, लेकिन उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक खुद दावा कर रहे हैं कि यह योजना सिर्फ चुनावों के लिए है तथा उसके बाद इसे बंद किया जा सकता है।

पाटिल ने कहा कि अगर वास्तव में जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता मिल जाए तो विपक्ष को कभी कोई दिक्कत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में हम सहायता राशि बढ़ाएंगे।’’ इस योजना के तहत ढाई लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक सहायता मिलती है।

राज्य के राजकोषीय घाटे में वृद्धि और कर्ज में वृद्धि पर जोर देते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर सरकारी कर्मचारियों के वेतन (वितरण) में परेशानी आए। अन्य योजनाओं को छोड़कर, केवल एक योजना (लाडक बहन योजना) को रुपये देने का काम चल रहा है। विधानसभा चुनावों में देरी करने की एक चाल है जिससे योजना के तहत अधिकतम धन वितरित किया जा सके।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी प्रयास मुख्य रूप से सत्ता को बनाए रखने के लिए हैं।

मराठों के लिए आरक्षण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक ऐसी व्यवस्था लाई जानी चाहिए जिसके तहत सभी वर्गों को जनसंख्या में उनके अनुपात के अनुसार अवसर मिले।

राकांपा (सपा) प्रमुख शरद पवार के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी से कोई भी मुख्यमंत्री पद में रुचि नहीं रखता है, पाटिल ने कहा कि विपक्षी दिग्गज लोकसभा चुनावों के बाद से ही महा विकास आघाडी (एमवीए) को मजबूत करने के लिए बलिदान दे रहे हैं।

पाटिल ने कहा, ‘‘हम 14-15 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पवार साहब ने मुझे एमवीए को मजबूत बनाने के लिए दावा छोड़ने को कहा। पवार साहब की पहली प्राथमिकता भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को हटाना है। उन्हें इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।’’

भाषा यासिर माधव

माधव