महायुति के संवाददाता सम्मेलन के दौरान शिंदे और अजित के बीच हंसी-मजाक

महायुति के संवाददाता सम्मेलन के दौरान शिंदे और अजित के बीच हंसी-मजाक

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  • Publish Date - December 4, 2024 / 10:19 PM IST,
    Updated On - December 4, 2024 / 10:19 PM IST

(फोटो के साथ)

मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद महायुति में शामिल दलों के नेताओं के संवाददाता सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हंसी-मजाक किया।

जब यह स्पष्ट हो गया कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो हर किसी के मन में यह सवाल था कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे, क्योंकि शिवसेना प्रमुख ने कई संकेत दिए हैं कि वह भाजपा को मुख्यमंत्री पद सौंपने से खुश नहीं हैं।

फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पिछले ढाई साल से मुख्यमंत्री रहे शिंदे से कल शाम मुलाकात की और उन्हें नयी सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

जब संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस और पवार के बीच बैठे शिंदे से पूछा गया कि क्या वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो उन्होंने सवाल टालते हुए कहा, “शाम तक इंतजार करें।”

शिंदे के बाईं ओर बैठे अजित पवार ने तुरंत बीच में टोकते हुए कहा, “इनके बारे में नहीं पता, लेकिन मैं कल शपथ ले रहा हूं।” पवार की इस बात पर वहां मौजूद लोगों ने ठहाके लगाए।

शिंदे ने भी चुटकी लेते हुए कहा, “अजित दादा को सुबह और शाम दोनों समय शपथ लेने का अनुभव है।” इस पर भी लोगों ने ठहाके लगाए।

फिर पवार ने कहा, “तब तो थोड़े समय के लिए (उपमुख्यमंत्री) था। इस बार पांच साल तक रहूंगा।”

दरअसल, चुनाव परिणामों के बाद शिवसेना के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नवंबर 2019 में अजित पवार ने फडणवीस के अधीन एकदम सुबह के समय उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

लेकिन फडणवीस-पवार सरकार केवल तीन दिन ही चली क्योंकि पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पर्याप्त विधायकों का समर्थन पाने में विफल रहे। उस समय राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार थे।

हालांकि, अजित इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार में उपमुख्यमंत्री बने।

शिंदे की बगावत के कारण ठाकरे सरकार गिरने के बाद, अजित पवार एक बार फिर सबको चौंकाते हुए शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने। साल 2014 से पहले कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की 15 साल तक चली सरकार के दौरान अजित पवार दो बार उपमुख्यमंत्री रहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री का पद हमेशा उनसे दूर रहा है।

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल