शरद पवार ने कृषि संकट और किसानों की आत्महत्या के लिए शिंदे सरकार की आलोचना की

शरद पवार ने कृषि संकट और किसानों की आत्महत्या के लिए शिंदे सरकार की आलोचना की

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  • Publish Date - November 18, 2024 / 06:36 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 06:36 PM IST

मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार राज्य में कृषि संकट का समाधान करने में नाकाम रही है। उन्होंने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के शासनकाल में 20 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।

वह 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन अहिल्यानगर जिले (पूर्व में अहमदनगर) के कर्जत-जामखेड में पार्टी उम्मीदवार और मौजूदा विधायक रोहित पवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है और किसान परेशान हो रहे हैं एवं आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन आत्महत्याओं के पीछे असली कारण स्पष्ट है। खेती करना वश से बाहर होता जा रहा है। महायुति सरकार के शासन के दौरान 20,000 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बावजूद सरकार उनकी दुर्दशा को नजरअंदाज कर रही है। सरकार उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर देती है, लेकिन परेशान किसानों को इसका लाभ नहीं देती।’’

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)शामिल है।

पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी के लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा कराने के ‘अधूरे वादे’ की तरह ही शिंदे सरकार की प्रमुख ‘लाडकी बहिन’ योजना भी चुनावों के बाद बंद कर दी जाएगी।

इस योजना के तहत वार्षिक 2.5 लाख रुपये से कम आय वाले परिवार की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये कर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। महायुति सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर यह सहायता बढ़कार 2100 रुपये महीने करने का वादा किया है।

शरद पवार ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की करीब 67,000 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, 64,000 महिलाएं लापता हैं। राज्य में करीब 62 लाख लोगों के पास कोई नौकरी नहीं है। ये कड़वी सच्चाई है।’’

उन्होंने पूर्व विधायक एवं भाजपा उम्मीदवार राम शिंदे का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा। राम शिंदे का मुकाबला रोहित पवार से है।

पवार ने कहा कि कर्जत-जामखेड क्षेत्र में विकास की कमी है क्योंकि पिछले निर्वाचित प्रतिनिधि ने कुछ नहीं किया। राम शिंदे ने 2009 और 2014 में इस सीटसे जीत दर्ज की थी जबकि 2019 के चुनाव में रोहित पवार ने उन्हें 43,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।

भाषा धीरज माधव

माधव