इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर रामगिरि महाराज पर कई प्राथमिकी दर्ज |

इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर रामगिरि महाराज पर कई प्राथमिकी दर्ज

इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर रामगिरि महाराज पर कई प्राथमिकी दर्ज

:   Modified Date:  August 18, 2024 / 08:37 PM IST, Published Date : August 18, 2024/8:37 pm IST

मुंबई, 18 अगस्त (भाषा) पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर धर्म गुरु रामगिरि महाराज के खिलाफ महाराष्ट्र में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने पहले बताया था कि हाल में नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरि महाराज ने कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

रामगिरि महाराज ने कहा है कि उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में यह बयान दिया था।

अधिकारी ने बताया कि मुंबई, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे और ठाणे जिलों के अलावा बुलढाणा जिले के जलगांव जामोद थाने में भी रामगिरि महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

खुद को इस्लामी विद्वान बताने वाले समीउल्ला खान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पैगंबर का अपमान करने को लेकर, नफरत फैलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ महाराष्ट्र के जलगांव जामोद पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’

उन्होंने हिंदू संत की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

खान ने कहा, ‘‘हम अपने प्यारे पैगंबर मोहम्मद की गरिमा पर हो रहे हमले को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। अगर उन्हें (रामगिरि महाराज) गिरफ्तार नहीं किया गया तो पूरे राज्य और देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होंगे। (नरेन्द्र) मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि भारत में पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने जैसा अपराध क्यों बढ़ रहा है।’’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रामगिरि की टिप्पणियों पर विवाद के बीच, शुक्रवार को नासिक जिले में एक कार्यक्रम के दौरान उनके साथ मंच साझा किया था और उन्हें ‘संत’ करार दिया था जबकि मंत्री गिरीश महाजन और अहमदनगर के पूर्व सांसद सुजय विखे पाटिल ने मंच पर उनके पैर भी छुए थे।

अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर तालुका स्थित सरला बेट धाम के महंत रामगिरि महाराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अपनी विवादास्पद टिप्पणी का बचाव किया था। साथ ही, उन्होंने कहा था कि उनकी टिप्पणी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के जवाब में थी और उनका इरादा हिंदू समुदाय के सदस्यों को एकजुट करना था।

भाषा

शफीक सुभाष

सुभाष

 

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