(तस्वीर के साथ)
सतारा, तीन जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार के विद्रोह को उनका आशीर्वाद प्राप्त है।
शरद पवार ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किये बिना राकांपा को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है।
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर कांग्रेस का दावा जायज़ है, क्योंकि उसके पास राज्य में विपक्षी खेमे में सबसे ज्यादा सीट हैं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि वह किसी के प्रति दुर्भावना रखकर राजनीति नहीं करते।
कांग्रेस के पास 288 सदस्य विधानसभा में 45 विधायक हैं। राकांपा के पास 53 विधायक हैं। अजित पवार खेमे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि उनके पास 40 से ज्यादा राकांपा विधायकों का समर्थन है।
अजित पवार ने रविवार को राकांपा से बगावत कर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ आठ अन्य राकांपा नेताओं ने भी एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
यह पूछे जाने पर कि रविवार को अजित पवार द्वारा किए गए विद्रोह को क्या उनका आशीर्वाद प्राप्त था, तो राकांपा प्रमुख ने कहा, “यह कहना तुच्छ बात है। केवल तुच्छ और अल्पबुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं।”
शरद पवार ने कहा, “मैं राज्य के दौरे पर निकला हूं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करूंगा। कुछ नेताओं ने जो किया है, उससे उन्हें निराश नहीं होना चाहिए।’’
विपक्ष के नेता पद पर कांग्रेस के दावे को लेकर उन्होंने कहा, “ मेरी जानकारी के मुताबिक, (राकांपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट से) ज्यादा कांग्रेस के पास संख्या बल है। लिहाज़ा विपक्ष के नेता के पद की उसकी मांग ठीक है।”
राकांपा के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल ने पार्टी विधायक जितेंद्र आव्हाड को विपक्ष का नेता नियुक्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक पत्र भेजा है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी को विपक्ष के नेता के पद पर दावा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बाबत फैसला मंगलवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किया जाएगा।
शरद पवार से अजित पवार और राकांपा के आठ अन्य नेताओं को अयोग्य ठहराने की मांग वाली जयंत पाटिल की याचिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता नहीं है कि पाटिल ने सटीक तौर पर क्या किया है, क्योंकि मैं सुबह में घर से रवाना हो गया था लेकिन पाटिल को नियम-कायदों के तहत काम करने के लिए जाना जाता है।”
उन्होंने कहा, “ मैं इस पर कोई फैसला नहीं लूंगा कि अयोग्यता की जरूरत है या नहीं। यह फैसला जयंत पाटिल और उनके अन्य सहयोगी लेंगे। यह उनका विशेषाधिकार है। एक बात साफ है कि उन्होंने (अजित पवार और आठ अन्य विधायकों ने) जो कुछ किया वह सही नहीं है, लेकिन मैं किसी के प्रति दुर्भावना रखकर राजनीति नहीं करता।”
भाषा नोमान नरेश
नरेश