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सतारा, तीन जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार की बगावत को उनका आशीर्वाद प्राप्त है।
राकांपा प्रमुख ने पार्टी पर अपना अधिकार प्रदर्शित करने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया है। उनके भतीजे की बगावत के चलते पार्टी सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है।
वहीं, एक संबद्ध घटनाक्रम में शरद पवार (82) ने ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ को लेकर इसके कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को निष्कासित कर दिया है, जिन्होंने अजित पवार की बगावत में उनका साथ दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके नाम राकांपा सदस्यों की पंजी (रजिस्टर) से हटाने का आदेश देता हूं।’’
उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किये बिना राकांपा को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है।
रविवार को, अजित पवार ने एकनाथ शिंदे-भाजपा गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राकांपा में बगावत का नेतृत्व किया। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली, जिनमें से कुछ विधायक पार्टी संस्थापक के बहुत करीबी माने जाते थे।
यह पूछे जाने पर कि रविवार को अजित पवार द्वारा की गई बगावत को क्या उनका आशीर्वाद प्राप्त था, राकांपा प्रमुख ने कहा, “यह कहना तुच्छ बात है। केवल तुच्छ और कम बुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं। मैंने राज्य का दौरा करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की एक योजना तैयार की है। कुछ नेताओं ने जो किया है उससे उन्हें हताश नहीं होना चाहिए।”
इससे अलग, सतारा जिले के कराड में राकांपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एवं देश में साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करने वाली ताकतों का मुकाबला करने की जरूरत है।
कांग्रेस छोड़ने के बाद 1999 में राकांपा का गठन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी पार्टी में दलबदल होने पर कहा, ‘‘महाराष्ट्र और देश में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हमें उन ताकतों से लड़ने की जरूरत है, जो शांतिप्रिय नागरिकों के बीच भय उत्पन्न करती हैं।’’
पवार ने कहा, ‘‘हमें अपने देश में लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है।’’
राकांपा प्रमुख ने कहा कि एक गलत प्रवृत्ति उभर रही है और उसने ही राज्य में पार्टी को तोड़ने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके पीछे का मकसद इन साम्प्रदायिक विचारधाराओं के जरिये देश के मुद्दों को आगे ले जाना है और इस प्रवृत्ति ने राज्य में उथल-पुथल करने में यही रुख अपनाया है। दुर्भाग्य से, हमारे कुछ सहकर्मी इन तरकीबों का शिकार हो गए।’’
उन्होंने कहा कि साहू महाराज, (ज्योतिबा) फुले और (डॉ भीमराव) आंबेडकर की धरती, महाराष्ट्र के लोग अन्य दलों को तोड़ने में भूमिका निभाने वाली इन प्रवृत्तियों को उनकी सही जगह दिखाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अगले कुछ महीनों में, हमें लोगों के पास जाने का मौका मिलेगा और उनकी मदद से, हम इन प्रवृत्तियों को दरकिनार कर देंगे तथा एक बार फिर हम एक ऐसी व्यवस्था तैयार करेंगे, जो आम लोगों के हित में काम करेगी।’’
शरद पवार ने शिवसेना में 2022 में हुई बगावत का जिक्र करते हुए कहा कि 2019 में वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के तहत एकजुट हुए और सरकार बनाई, लेकिन कुछ लोगों ने पिछले साल सरकार गिरा दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल महाराष्ट्र में नहीं हो रहा, बल्कि अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है। (कांग्रेस नेता) कमलनाथ-नीत मध्य प्रदेश सरकार इसी तरीके से गिरा दी गई और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली सरकार सत्ता में आई।’’
शरद पवार ने कहा कि एमवीए का घटक दल कांग्रेस द्वारा महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दावा करना तर्कसंगत है। शिंदे सरकार में शामिल होने से पहले अजित पवार इस पद पर थे।
राज्य की 288-सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 45 विधायक हैं। राकांपा के 53 विधायक हैं। अजित पवार खेमा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि उन्हें राकांपा के 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी खेमे में अभी सबसे अधिक सीट कांग्रेस के पास है और नेता प्रतिपक्ष के लिए उसका दावा तर्कसंगत है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है, (राकांपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट की तुलना में) कांग्रेस के अधिक विधायक हैं, इसलिए नेता प्रतिपक्ष पद की उसकी मांग सही है।’’
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि उनकी पार्टी को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बाबत फैसला मंगलवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किया जाएगा।
अजित पवार और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए राकांपा के आठ अन्य नेताओं को अयोग्य घोषित करने की मांग से संबंधित पार्टी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल की याचिका के बारे में पूछे जाने पर, शरद पवार ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि पाटिल ने क्या किया है क्योंकि मैं सुबह में घर से निकल गया था, लेकिन पाटिल नियम कायदे के मुताबिक काम करने को लेकर जाने जाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अयोग्य घोषित किये जाने की जरूरत है या नहीं, इस पर मैं कोई निर्णय नहीं लूंगा। फैसला जयंत पाटिल और उनके अन्य सहकर्मी लेंगे। यह उनका विशेषाधिकार है। एक चीज स्पष्ट है कि वे (अजित और आठ अन्य विधायकों) ने जो किया है वह सही नहीं है, लेकिन मैं किसी के खिलाफ दुर्भावना रखकर राजनीति नहीं करता।’’
शरद पवार कराड में, अपने गुरु एवं महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के स्मारक पर पहुंचे और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
राकांपा प्रमुख के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी में हुई टूट के एक दिन बाद, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शरद पवार (82) का दिवंगत चव्हाण के स्मारक प्रीतिसंगम का दौरा करने को शक्ति प्रदर्शित करने के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे पहले, शरद पवार की सोमवार सुबह पुणे से कराड के लिए रवाना हुए और रास्ते में कई समर्थकों से मिलने के लिए रुके, जो सड़क किनारे उनका स्वागत करने और उनके प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए थे।
कराड में उनका हजारों समर्थकों और स्थानीय विधायक बालासाहेब पाटिल ने स्वागत किया। कराड से नाता रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण भी उनके साथ मौजूद थे।
भाषा सुभाष सुरेश
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