मुंबई : Sanjay Raut big allegation : शिवसेना के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को ‘‘खरीदने’’ के लिए अब तक ‘‘2000 करोड़ रुपये का सौदा’’ हुआ है। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने इस दावे का खंडन किया और सवाल किया, ‘‘क्या संजय राउत खजांची हैं।’’
Sanjay Raut big allegation : राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है। उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बताई है। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि उनके दावे के पक्ष में सबूत हैं जिसे वह शीघ्र ही सामने लाएंगे।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ धड़े को असली शिवसेना की मान्यता दी थी और उसे चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने का आदेश दिया था।पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी।
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Sanjay Raut big allegation : राउत ने रविवार को कहा कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम ‘‘खरीदने’’ के लिए कोई छोटी रकम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है।’’ राउत ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे पक्की सूचना मिली है कि शिवसेना का नाम एवं पहचान पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ। यह शुरुआती आंकड़ा है तथा शत-प्रतिशत सच्ची बात है। कई बातें शीघ्र ही सामने लायी जाएंगी। इस देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ।’’
उनसे जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस परोक्ष बयान के बारे में पूछा गया कि कुछ लोग ‘‘विरोधी विचारधारा वालों के तलवे चाट रहे थे’’, तब राउत ने कहा, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं? शाह क्या कहते हैं, महाराष्ट्र के लोग उसे (उस बात को) भाव नहीं देते? वर्तमान मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का अधिकार नहीं है।’’
Sanjay Raut big allegation : शाह ने शनिवार को कहा था कि जिन लोगों ने विरोधी विचारधारा के लोगों के ‘‘तलवे चाटना’ पसंद किया था, उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े को असली शिवसेना घोषित किए जाने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान दिए जाने के बाद पता चल गया है कि सत्य किधर है। उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने फिर कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद साझा करने की कोई सहमति नहीं हुई थी।
शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था। इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था। बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया।