सांगली (महाराष्ट्र), 17 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सामाजिक जागरूकता एक सतत प्रक्रिया है जो मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती है।
यहां लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर के शताब्दी वर्ष का आरंभ करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जैसे-जैसे समाज विकसित हो रहा है ‘‘संवाद जारी रखने की जरूरत है’’।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता की आवश्यकता पर काफी चर्चा हुई और इस पर काम किया गया।
उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक ने जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा, ‘‘तिलक की यह घोषणा कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’, समाज को यह बताने का माध्यम था कि ‘संघर्ष से भागो मत, हार मत मानो और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए काम करो।’ प्रगति और विकास के पथ पर सभी को एकजुट होने की जरूरत है।’’
भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी ने समाज और लोगों के कल्याण के लिए अथक प्रयास किया और कभी समझौता नहीं किया।
भाषा सुरभि रंजन
रंजन