दक्षिणपंथी का वामपंथी को समर्थन: एबीवीपी ने पीएसएफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की निंदा की

दक्षिणपंथी का वामपंथी को समर्थन: एबीवीपी ने पीएसएफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की निंदा की

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  • Publish Date - August 23, 2024 / 10:21 AM IST,
    Updated On - August 23, 2024 / 10:21 AM IST

मुंबई, 23 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान में अपने वैचारिक प्रतिद्वंद्वी ‘प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम’ (पीएसएफ) के पक्ष में आवाज उठाई और कहा कि वामपंथी संगठन पीएसएफ को प्रतिबंधित करने का संस्थान का फैसला ‘‘तर्कहीन’’ है।

एबीवीपी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक गतिविधियों का गढ़ होना चाहिए।

एबीवीपी ने बृहस्पतिवार को कहा कि छात्र समूह पीएसएफ पर ‘‘अचानक और तर्कहीन’’ प्रतिबंध लगाने से ऐसे संगठनों में काफी अशांति पैदा होने का खतरा है।

एबीवीपी ने कहा कि इस तरह के कदम से भविष्य में होने वाले छात्र परिषद चुनावों की शुचिता पर गंभीर असर पड़ सकता है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की आधारशिला हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले प्रमुख संस्थान टीआईएसएस ने पीएसएफ पर 19 अगस्त को प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि यह संगठन ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो संस्थान के कामकाज में बाधा डालती हैं और इसकी छवि खराब करती हैं।

एबीवीपी ने कहा कि उसका दृढ़ता से यह मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक गतिविधियों का गढ़ होना चाहिए। उसने कहा कि छात्र समुदाय के विविध विचारों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न छात्र संगठनों की उपस्थिति आवश्यक है।

एबीवीपी की सचिव निधि गाला ने कहा, ‘‘टीआईएसएस में छात्र संगठनों पर अचानक और अनुचित प्रतिबंध इन सिद्धांतों पर सीधा हमला है।’’

टीआईएसएस के दक्षिणपंथी छात्र संगठन ‘डेमोक्रेटिक सेक्युलर स्टूडेंट्स फोरम’ (डीएसएसएफ) ने भी कहा कि परिसर में संगठनों पर प्रतिबंध लगाना उस मूल पर प्रहार करना है जो इस प्रमुख संस्थान को अग्रणी शिक्षण संस्थान बनाता है।

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना