राउत ने बयान देते समय ‘सावधानी और सर्तकता’ नहीं बरती :अदालत ने मानहानि मामले में कहा

राउत ने बयान देते समय ‘सावधानी और सर्तकता’ नहीं बरती :अदालत ने मानहानि मामले में कहा

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 07:24 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 07:24 PM IST

मुंबई, तीन अक्टूबर (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत को दोषी ठहराते हुए कहा है कि उन्होंने कुछ बयान देते समय ‘‘सावधानी और सतर्कता’’ नहीं बरती जबकि सांसद होने के नाते उनसे ‘‘उच्च स्तर की जिम्मेदारी’’ की अपेक्षा की जाती है।

पिछले सप्ताह न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) आरती कुलकर्णी ने राज्यसभा सदस्य राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत दोषी ठहराते हुए 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। बाद में अदालत ने सजा को 30 दिन के लिए टाल दिया ताकि राउत उच्च अदालत में आदेश को चुनौती दे सकें।

बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराए गए विस्तृत आदेश में अदालत ने कहा कि मेधा सोमैया एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और मानहानि के कारण उनकी छवि धूमिल हुई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है।’’

अदालत ने कहा कि एक सांसद के रूप में सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखने के मामले में राउत पर ‘‘उच्च स्तर’’ की जिम्मेदारी होती है।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी ने शिकायतकर्ता के खिलाफ मीडिया के माध्यम से बिना किसी सावधानी और सतर्कता के बयान दिए। यह जानते हुए भी कि शिकायतकर्ता इससे बदनाम हो सकता है, उन्होंने सावधानी नहीं बरती और अपमानजनक बयान दिए और उन्हें प्रकाशित किया।’’

मेधा सोमैया ने 2022 में वकील विवेकानंद गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार तथा पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि राउत ने उन पर मीरा भयंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया।

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत