मुंबई, 13 नवंबर (भाषा) भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा में उजले पक्ष को देखने की सकारात्मक आदत का अभाव है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले संवाददाताओं से मुखातिब नड्डा ने राहुल के ‘मोहब्बत की दुकान’ टिप्पणी पर कटाक्ष किया और कहा कि इसमें विभाजन के उपकरण बेचे जाते हैं।
नड्डा ने दावा किया कि भारत की विकास दर 6.8 फीसदी है और देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई का रोना रोने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।
भाजपा अध्यक्ष ने राहुल और प्रियंका का नाम लिए बगैर कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग वाहन खरीदते हैं। अगर उनके पास पैसे नहीं हैं, तो क्या वे ऐसा करेंगे? भाई-बहन की जोड़ी के बारे में क्या कहा जाए। क्या मुझे उन्हें अर्थशास्त्र पढ़ाना चाहिए? उनमें उजले पक्ष को देखने की आदत नहीं है।”
नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को गरीब और किसान हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में जब उनकी पार्टी सत्ता में आई, तब से देश में 53 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं और विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली सहायता राशि डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिये सीधे लोगों के खातों में दी जा रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
नड्डा ने दावा किया कि भारत सस्ती और प्रभावी दवाओं को उत्पादन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन ने सत्ता में वापसी की, तो वह ‘ब्रेक सरकार’ बनाएगा, जो राज्य में विकास की गति धीमी कर देगी।
एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) शामिल हैं।
नड्डा ने दावा किया कि कांग्रेस ने “शहरी नक्सलियों” के सामने घुटने टेक दिए हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर राष्ट्र-विरोधियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।
भाजपा अध्यक्ष ने शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ने अपने पिता एवं शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के कांग्रेस का कट्टर विरोधी होने के बावजूद पार्टी के साथ गठबंधन किया।
नड्डा ने दावा किया कि बाल ठाकरे ने कहा था कि वह कांग्रेस से हाथ मिलाने के बजाय अपनी पार्टी को भंग करना पसंद करेंगे।
उन्होंने सवाल किया, “उद्धव ठाकरे उन लोगों की गोद में बैठे हैं, जिन्होंने बाल ठाकरे से डरकर मुंबई छोड़ दी। क्या यह सत्ता के लिए विचारधारा को कमजोर करना और उससे भटकना नहीं है?”
नड्डा ने कांग्रेस पर छद्म धर्मनिरपेक्षता और तुष्टीकरण की राजनीति में शामिल होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।
भाजपा अध्यक्ष ने जाति जनगणना की मांग करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की।
उन्होंने कहा, “मोदी मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मंत्री हैं। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और कांग्रेस कार्य समिति में कितने ओबीसी थे? और ये लोग खुद को ओबीसी मुद्दों का ‘चैंपियन’ कहते हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी ओबीसी समुदाय से हैं।”
नड्डा ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने (पिछड़े वर्गों पर) कालेलकर और मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
कांग्रेस पर समाज को बांटने की दिशा में काम करने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा, “राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान’ में विभाजन के उपकरण बेचे जाते हैं।”
भाषा पारुल अविनाश
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