पुणे, 28 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के दो पुलिस अधिकारियों को पिछले वर्ष हुई पोर्श कार दुर्घटना की जांच के सिलसिले में कथित लापरवाही के लिए बर्खास्त किया जा सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र गृह विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें ‘इन दोनों निलंबित पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की गई थी।’
पिछले साल 19 मई को कल्याणी नगर में कथित तौर पर नशे की हालत में पोर्श कार चला रहे 17 वर्षीय एक किशोर ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कुचल दिया था।
येरवडा पुलिस थाने में तैनात निरीक्षक राहुल जगदाले और सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) विश्वनाथ टोडकरी को उस समय देरी से रिपोर्ट करने और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया था। आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में चूक और रक्त के नमूने एकत्र करने में देरी की भी बात सामने आई थी।
पुलिस के अनुसार, किशोर के रक्त के नमूने एकत्र करने में देरी हुई। दुर्घटना रात लगभग दो बजे हुई थी जबकि नमूने पूर्वाह्न 11 बजे एकत्र किये गये थे।
यह भी आरोप लगाया गया था कि एक स्थानीय नेता के हस्तक्षेप के कारण पुलिस ने उनके साथ बहुत नरम रुख अपनाया।
किशोर एक बिल्डर का बेटा था जिसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे जमानत दे दी थी लेकिन उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा था।
इस आदेश के कारण हंगामा हुआ था और उसे फिर से हिरासत में लिया गया, लेकिन बम्बई उच्च न्यायालय ने अंततः उसे रिहा करने का आदेश दिया।
जांच में एक और मोड़ तब आया जब यह पता चला कि ससून सरकारी अस्पताल में किशोर चालक और उसके साथ कार में बैठे उसके दो नाबालिग दोस्तों के रक्त के नमूनों की अदला-बदली करने का प्रयास किया गया था, ताकि यह तथ्य छिपाया जा सके कि वे नशे में थे।
पुलिस ने कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया था और ये सभी लोग अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।
भाषा
शुभम देवेंद्र
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