पुणे, 25 जनवरी । महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक परिवार के सात सदस्यों की मौत के मामले की जांच कर रही पुलिस ने संकेत दिया है कि बेटे की मौत से जुड़ी एक पिछली घटना को लेकर उनके रिश्तेदारों ने कथित तौर पर उनकी (परिवार की) हत्या कर दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान मोहन पवार (45), उनकी पत्नी संगीता मोहन (40), उनकी बेटी रानी फुलवारे (24), दामाद श्याम फुलवारे (28) और तीन से सात साल की आयु के तीन बच्चों के रूप में हुई है। सातों शवों को 18 जनवरी से 24 जनवरी के बीच पुणे जिले की दौंड तहसील में परगाँव पुल के पास भीमा नदी से बरामद किया गया था।
अधिकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर पुलिस ने पांच भाई-बहन, अशोक कल्याण पवार, श्याम कल्याण पवार, शंकर कल्याण पवार, प्रकाश कल्याण पवार और कांताबाई सर्जेराव जाधव को गिरफ्तार किया है। ये सभी लोग मृतक मोहन पवार के चचेरे भाई हैं।
पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि जांच के दौरान मिले तथ्यों से संकेत मिलता है कि सभी मृतकों की हत्या की गई थी।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह संकेत मिल रहा है कि आरोपी अशोक पवार के बेटे धनंजय पवार की कुछ महीने पहले एक दुर्घटना में मौत हो गई थी और इससे संबंधित एक मामला पुणे शहर में दर्ज किया गया था।
गोयल ने कहा, ”प्रथम दृष्टया जांच से यह संकेत मिलता है कि अशोक गुस्से में था और उसने धनंजय की मौत के लिए मोहन के बेटे को जिम्मेदार ठहराया। अशोक ने अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए इन सात लोगों की हत्या कर दी।”
उन्होंने कहा कि ”सभी आरोपियों को अहमदनगर जिले की पारनेर तहसील से पकड़ा गया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया। सभी को अदालत में पेश किया जाएगा। फिलहाल मामले की जांच जारी है।”
इससे पहले पुलिस ने बताया था कि, शव भीमा नदी के उथले हिस्से में एक-दूसरे से 200 से 300 मीटर की दूरी पर मिले थे। पुलिस ने कहा था कि चार शवों का पोस्टमार्टम किया गया था। पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि चारों की मौत पानी में डूबने की वजह से हुई थी।
पुलिस ने कहा था कि मृतक मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़ और उस्मानाबाद जिलों के रहने वाले थे और मजदूरी करते थे।