भिवंडी में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, नेताओं ने राष्ट्रपति से मांगा समय
भिवंडी में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, नेताओं ने राष्ट्रपति से मांगा समय
ठाणे (महाराष्ट्र), छह अप्रैल (भाषा) ठाणे जिले के भिवंडी में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उनका दावा है कि यह संविधान के खिलाफ है और लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा में शुक्रवार को 13 घंटे से अधिक की बहस के इस विधेयक को पारित कर दिया गया था जबकि लोकसभा ने बृहस्पतिवार को इसपर अपनी मुहर लगाई थी।
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ शनिवार देर रात प्रदर्शन किया गया और इसमें आलमी तहरीक रजा एकेडमी, अखिल भारतीय सुन्नी जमीयतुल उलमा और‘अहले सुन्नत वल जमात’ आंदोलन के अंतर्गत आने वाले कई अन्य समूहों के पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एक मौलवी ने कहा, ‘‘यह विधेयक (अब कानून) संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है। यह हर भारतीय के अधिकारों को खतरे में डालता है, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई हों। यह केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है। देश भर के सभी समुदायों के लोग विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं।’’
रजा एकेडमी के संस्थापक सईद नूरी ने कहा कि वह सात अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली जाएंगे, जहां वे शीर्ष संवैधानिक विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श करेंगे, ताकि इस अधिनियम को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने की संभावना सहित कानूनी रास्ते तलाशे जा सकें।
एकेडमी के प्रवक्ता ने बताया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए समय मांगा गया है।
भाषा धीरज रंजन
रंजन

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