मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में ‘महायुति’ गठबंधन की नयी सरकार के पांच दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए यहां आजाद मैदान में तैयारियां पूरे जोर-शोर से जारी हैं।
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की भी संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन महायुति गठबंधन ने अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की है। राज्य भाजपा विधायक दल की बैठक चार दिसंबर को होगी।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले समारोह की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने दक्षिण मुंबई स्थित समारोह स्थल का सोमवार को दौरा किया।
बावनकुले ने पहले कहा था कि मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। भाजपा सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और भाजपा के प्रमुख केंद्रीय पदाधिकारियों के भी कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।
तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को राज्य में भाजपा के कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार, महाराष्ट्र विधान परिषद में पार्टी के नेता प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड और अन्य नेता शामिल हुए।
भाजपा ने राज्य के धार्मिक नेताओं, कलाकारों और लेखकों को भी आमंत्रित किया है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करते हुए महायुति गठबंधन की भावना को प्रदर्शित किया जाएगा।’’
राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस को इस शीर्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। भाजपा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को हुए थे। इस चुनाव में ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 विधानसभा सीट में से 230 सीट पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 132 सीट पर जीत हासिल की जबकि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना को 57 और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट मिली थीं।
शिवसेना ने सोमवार को कहा था कि यदि भाजपा को मुख्यमंत्री पद मिलता है तो गृह विभाग उसे दिया जाना चाहिए।
ऐसी खबरें थीं कि शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा मौका नहीं मिलने पर सतारा जिले में अपने गांव दारे का दौरा करके अपनी अप्रसन्नता जतायी लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा था कि व्यस्त चुनाव प्रचार के बाद वह आराम करने के लिए अपने गांव गए थे।
भाषा
सिम्मी नरेश
नरेश