गर्भवती महिला की मौत : प्रदर्शन के बीच महिला समूह पर तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज

गर्भवती महिला की मौत : प्रदर्शन के बीच महिला समूह पर तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज

गर्भवती महिला की मौत : प्रदर्शन के बीच महिला समूह पर तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज
Modified Date: April 4, 2025 / 10:45 pm IST
Published Date: April 4, 2025 10:45 pm IST

पुणे, चार अप्रैल (भाषा) यहां स्थित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के बाहर प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया और एक गर्भवती महिला की मौत के लिए ‘‘जिम्मेदार’’ चिकित्सकों और अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

आरोप है कि अस्पताल ने महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया था।

शिवसेना, शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, युवा कांग्रेस और पतित पावन सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और उनमें से कुछ ने प्रवेश द्वार पर अस्पताल के साइनबोर्ड पर काला रंग भी फेंका।

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प्रदर्शन के मद्देनजर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर और परिसर के अंदर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया, क्योंकि मरीजों और आगंतुकों को प्रवेश करने और बाहर निकलने में कठिनाई हो रही थी।

जब अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए बाहर आए, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने उन पर सिक्के फेंके और कहा कि वे ‘अस्पताल को दान देने’ आए हैं। इसके बाद जनसंपर्क अधिकारी संवाददाताओं से बात किए बिना वापस चले गए।

एक युवा कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अस्पताल को शहर के प्रमुख क्षेत्र में बहुत ही मामूली दर पर जमीन मिली है और इसे एक धर्मार्थ संस्थान के रूप में काम करना चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के एक कार्यकर्ता ने मांग की कि प्रशासन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला शाखा की सदस्यों ने कोथरूड क्षेत्र में डॉ. शुश्रुत घैसास के निजी क्लिनिक में घुसकर तोड़फोड़ की।

गर्भवती तनीषा भिसे को कथित तौर पर मंगेशकर अस्पताल द्वारा भर्ती करने से मना कर दिया गया था। उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि इलाज करने वाले डॉक्टर डॉ. घैसास ने उनसे इलाज शुरू करने से पहले 10 लाख रुपये जमा करने को कहा था। बाद में दूसरे अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

डॉ. शुश्रुत घैसास की मां डॉ. नीलिमा घैसास ने कहा कि उनका बेटा वहां इलाज नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘‘न तो हमारा और न ही हमारे क्लिनिक का इस घटना से कोई संबंध है।’’

बाद में अलंकार पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि नवसहयाद्री सोसाइटी में स्थित क्लिनिक में तोड़फोड़ करने के आरोप में महिला प्रदर्शनकारियों के एक समूह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि यह मामला बलवा करने आरोपों और महाराष्ट्र मेडिकेयर सेवा व्यक्ति एवं मेडिकेयर सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान या क्षति की रोकथाम) अधिनियम, 2010 की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज किया गया है।

अस्पताल की आंतरिक जांच रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई जिसमें कहा गया कि 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान न करने पर भर्ती से इनकार करने के आरोप ‘भ्रामक’ थे।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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