‘सकरात्मक राजनीति’ करें, परिवारों में मतभेद सामान्य बात: वाईएस विजयम्मा

‘सकरात्मक राजनीति’ करें, परिवारों में मतभेद सामान्य बात: वाईएस विजयम्मा

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  • Publish Date - November 6, 2024 / 05:13 PM IST,
    Updated On - November 6, 2024 / 05:13 PM IST

अमरावती, छह नवंबर (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी और आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला की मां वाईएस विजयम्मा ने कहा कि परिवारों के भीतर मतभेद होना सामान्य बात है।

उन्होंने राजनीतिक विरोधियों से ‘सकारात्मक राजनीति’ करने का आग्रह किया।

संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की पत्नी विजयम्मा ने हाल ही में एक वीडियो संदेश जारी कर हालिया दिनों में अपने परिवार के बारे में कथित रूप से प्रसारित ‘झूठी खबरों’ पर दुख व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “हाल ही में फैलाई जा रही कुछ झूठी खबरों से मेरा दिल दुखता है। वे मेरे दो साल पुराने कार एक्सीडेंट को मेरे बेटे से जोड़ रहे हैं और एक निराधार कहानी गढ़ रहे हैं।”

विजयम्मा की यह अपील परिवार के भीतर तनाव और संपत्ति के बंटवारे को लेकर जारी विवाद के बीच आई है।

विजयम्मा ने दावा किया कि उनके पोते-पोतियों से मिलने के बारे में भी झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं, यहां तक कि यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि शर्मिला उनकी बेटी नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “क्या किसी व्यक्ति के चरित्र पर इस तरह से लांछन लगाना जरूरी है? ऐसी बेतुकी कहानियां‍ क्यों गढ़ी जा रही हैं? मुझे समझ नहीं आता कि उन्हें (विरोधियों को) कैसा महसूस होता है।”

विजयम्मा ने अपना, जगन और शर्मिला का जिक्र करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पारिवारिक मतभेद परिवार के सदस्यों के बीच के बुनियादी बंधनों को नहीं बदलते।

उन्होंने कहा कि मतभेद एक बेटे को अपनी मां का बेटा या अपनी बहन का भाई बनने से नहीं रोकते।

राजशेखर रेड्डी और जगन मोहन रेड्डी जैसे दो मुख्यमंत्रियों वाले परिवार का हिस्सा विजयम्मा ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को ‘अच्छे संस्कार’ के साथ पाला है। विजयम्मा ने सभी के कल्याण के लिए सभी से ‘सकारात्मक राजनीति’ करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि लोग आंध्र प्रदेश में राजनीतिक माहौल को देख रहे हैं। विजयम्मा ने विरोधियों को चुनौती दी कि अगर वे उनके बेटे का विरोध करना चाहते हैं तो सीधे उनसे भिड़ें।

उन्होंने साथ ही राजनीतिक विरोधियों से अपमानजनक टिप्पणी करने से बचने को कहा।

विजयम्मा ने यह भी पुष्टि की कि हाल ही में उनके नाम से लिखे गए दो पत्र वास्तव में उनके द्वारा लिखे गए थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास फर्जी पत्र जारी करने का कोई कारण नहीं है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘यदि आप इस तरह से चरित्र हनन करना जारी रखते हैं, तो मुझे मानहानि का मुकदमा दायर करना पड़ सकता है।’

भाषा जितेंद्र मनीषा

मनीषा