एसईसीआई के साथ बिजली समझौते रिश्वतखोरी के ठोस सबूत के बिना रद्द नहीं किए जा सकते : चंद्रबाबू

एसईसीआई के साथ बिजली समझौते रिश्वतखोरी के ठोस सबूत के बिना रद्द नहीं किए जा सकते : चंद्रबाबू

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  • Publish Date - January 2, 2025 / 09:30 PM IST,
    Updated On - January 2, 2025 / 09:30 PM IST

अमरावती, दो जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य सरकार रिश्वतखोरी के आरोपों के ठोस सबूत मिले बिना भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के साथ बिजली खरीद समझौते को रद्द नहीं कर सकती।

मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि कारोबारी गौतम अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के आरोप लगाए गए हैं।

इस आरोप का अदाणी समूह के साथ-साथ विपक्षी युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने भी खंडन किया है।

आंध्र प्रदेश की पिछली वाईएसआरसीपी सरकार इस कथित घोटाले में उलझी हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकारी अधिकारियों को अदाणी समूह से कथित तौर पर 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी।

नायडू ने बुधवार को मंगलागिरी में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के मुख्यालय में संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हम उचित दस्तावेज प्राप्त कर रहे हैं और एक बार जब हमें यह मिल जाएगा, तो हम कार्रवाई करेंगे (यदि इसमें कोई भ्रष्टाचार शामिल था)। यदि हम समझौता ज्ञापन तुरंत रद्द कर देते हैं, तो इससे कानूनी मुद्दे और अनावश्यक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।’’

आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों ने पिछले महीने निर्णय लिया था कि वे अगले वित्त वर्ष से एसईसीआई से 400 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली खरीदेंगी। समझौते के तहत कुल 1,700 करोड़ यूनिट बिजली खरीदने का प्रस्ताव है।

नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि वह दस्तावेजी सबूतों की पूरी तरह से पुष्टि करने के बाद ही किसी पर कार्रवाई कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कभी भी राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल नहीं होता। लेकिन, मैं गलत काम करने वालों को नहीं छोड़ूंगा। चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों, दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।’’

भाषा रवि कांत रवि कांत पारुल

पारुल