पीएमएलए मामला : अदालत ने वाजे की सरकारी गवाह बनने की याचिका खारिज की

पीएमएलए मामला : अदालत ने वाजे की सरकारी गवाह बनने की याचिका खारिज की

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 02:48 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 02:48 PM IST

मुंबई, 25 अक्टूबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे की धन शोधन के एक मामले में सरकारी गवाह बनने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि ईडी के पास प्रथम दृष्टया उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उनकी मदद की कोई जरूरत नहीं है।

विशेष अदालत के न्यायाधीश ए यू कदम ने धन शोधन रोकथाम कानून से जुड़े मामलों में सुनवाई करते हुए 23 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, ‘‘इस तरह का आवेदन करके वाजे इस बात को स्वीकार करते हैं कि वह आरोपी द्वारा कथित तौर पर किए गए अपराध की जानकारी रखते थे।’’

मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। मामले में अन्य आरोपियों में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा (एसपी) के नेता अनिल देशमुख शामिल हैं।

धन शोधन मामले में सरकारी गवाह बनने (क्षमा मांगने) की याचिका में वाजे ने कहा था कि वह मामले से संबंधित सभी तथ्यों का खुलासा करना चाहते हैं।

ईडी ने उनकी याचिका का विरोध किया।

अभियोजन पक्ष ने कहा, ‘‘इसलिए, ईडी द्वारा की गई जांच और जमा किए गए साक्ष्यों की प्रकृति को देखते हुए, वाजे को क्षमा प्रदान करना आवश्यक नहीं है, जो कि उन्हें क्लीन चिट देने के समान होगा, जबकि वह किए गए अपराध के लिए समान रूप से उत्तरदायी हैं।’’

अदालत ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 306 का उद्देश्य उन मामलों में क्षमा प्रदान करना है, जहां कई लोगों द्वारा गंभीर अपराध किए गए हैं और जिस व्यक्ति को क्षमा दी जा रही है उसकी गवाही की सहायता से मामले को उसके तार्किक निष्कर्ष पर लाया जा सकता है।

अदालत ने वाजे की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें दम नहीं है।

भाषा

वैभव मनीषा

मनीषा