विपक्ष ने महिला वकील पर हमला किये जाने का लगाया आरोप, महायुति सरकार की आलोचना की

विपक्ष ने महिला वकील पर हमला किये जाने का लगाया आरोप, महायुति सरकार की आलोचना की

विपक्ष ने महिला वकील पर हमला किये जाने का लगाया आरोप, महायुति सरकार की आलोचना की
Modified Date: April 18, 2025 / 05:56 pm IST
Published Date: April 18, 2025 5:56 pm IST

मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र में विपक्ष ने शुक्रवार को दावा किया कि ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करने पर बीड जिले में एक महिला वकील पर हमला किया गया। विपक्ष ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में ‘विफल’ रहने के लिए सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर निशाना भी साधा।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि अंबाजोगाई अदालत में वकालत करने वाली महिला वकील को उसके गांव के सरपंच और उसके कार्यकर्ताओं ने एक खेत में ले जाकर लाठी और लोहे के पाइप से बेरहमी से पीटा।

उन्होंने कहा कि वकील बेहोश हो गईं और कुछ समय तक अस्पताल में रहीं। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का सबूत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार ‘‘महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है’’।

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक महिला वकील सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या होगा? यदि महाराष्ट्र में एक पूर्णकालिक गृह मंत्री हैं, तो प्रशासन को दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’’

गृह विभाग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के सांसद अमोल कोल्हे ने कहा, ‘‘एक महिला वकील की 10-12 लोगों द्वारा पिटाई की घटना महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य पर एक धब्बा है, जो जीजाबाई, अहिल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले जैसी महान विभूतियों पर गर्व करता है।’’

उन्होंने भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्य में तीन दलों की सरकार है, लेकिन लोगों के लिए काम करने के बजाय गठबंधन के नेता सत्ता के लिए आपस में लड़ने में व्यस्त हैं।

उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है, लेकिन ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करने पर एक महिला की बेरहमी से पिटाई इस बात का संकेत है कि अपराधी हावी हो रहे हैं।

कोल्हे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है और उन्हें इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए तथा कम से कम इस विश्वास को बहाल करने के लिए काम करना चाहिए कि गृह मंत्रालय मौजूद है।’’

भाषा

अमित सुरेश

सुरेश


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