नागपुर (महाराष्ट्र), 31 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार ने अपनी पार्टी के खिलाफ शिवसेना के मंत्री तानाजी सावंत की टिप्पणियों से उपजे विवाद को शनिवार को थामने की कोशिश करते हुए कहा कि वह लोगों के लिए काम करते हैं और आलोचना पर ध्यान नहीं देते हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सावंत ने हाल में धाराशवि में कहा था कि कैबिनेट की बैठक में वह राकांपा नेताओं की बगल में बैठते हैं, लेकिन बाहर आने के बाद उन्हें उल्टी आने जैसा महसूस होता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की राकांपा राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में साझेदार हैं। सावंत की टिप्पणी ने सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर दरार को उजागर कर दिया और राकांपा ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे बयानों को सुनने से बेहतर है कि गठबंधन छोड़ दिया जाए।
सावंत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने ‘जनसम्मान यात्रा’ की शुरुआत में फैसला किया था कि मैं किसी की भी आलोचना या किसी के खिलाफ टिप्पणी नहीं करना चाहता। अगर कोई मेरे खिलाफ बोलता है तो मेरे लिए यह मायने नहीं रखता। मैं अपने काम और लोगों के लिए काम करने पर यकीन रखता हूं।’’
महायुति गठबंधन के सीटों के बंटवारे पर बातचीत के संबंध में एक सवाल पर पवार ने कहा, ‘‘गठबंधन के तीनों सहयोगी दलों के नेता एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे और सीटों के बारे में मीडिया को सूचित करेंगे।’’
इससे पहले, पवार ने दीक्षाभूमि का दौरा किया जहां डॉ. बी आर आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था। उन्होंने नागपुर के समीप काटोल में दुपहिया वाहन रैली में भी भाग लिया।
भाषा
गोला पवनेश
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