पुणे, छह जनवरी (भाषा) भारत में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की पहल के तहत एनटीपीसी ने महाराष्ट्र के सोलापुर में अपने बिजली संयंत्र में विद्युत उत्पादन के लिए कोयले के साथ बांस के इस्तेमाल का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के कार्यबल के कार्यकारी अध्यक्ष ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के अध्यक्ष को लिखे गए पत्र के बाद हुआ है। पत्र में फडणवीस ने सोलापुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन में भारत की जैव ईंधन आधारित (बांस) पहली ताप विद्युत परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। यह 1,320 मेगावाट की कोयला आधारित परियोजना है।
मुख्यमंत्री के पर्यावरण एवं सतत विकास कार्यबल के कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल ने कहा कि सोलापुर और आसपास के अन्य क्षेत्रों के किसानों से बांस खरीदा जाएगा। पटेल ने कहा कि सोलापुर ताप विद्युत परियोजना भारत की पहली परियोजना होगी, जिसमें बिजली उत्पादन में जैव ईंधन के रूप में बांस का उपयोग शुरू किया जाएगा।
पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि फडणवीस ने 24 नवंबर को एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह को पत्र लिखकर सोलापुर में भारत की जैव ईंधन (बांस) आधारित पहली ताप विद्युत परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया और राज्य सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सोलापुर में एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह और अन्य अधिकारियों तथा किसानों के बीच बैठक हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर बांस रोपण पर सहमति बनी।
फडणवीस ने पत्र में कहा कि 70 प्रतिशत बिजली उत्पादन अभी भी कोयले पर निर्भर है, जिससे वायु प्रदूषण होता है। उन्होंने बिजली उत्पादन के लिए वैकल्पिक पर्यावरण अनुकूल साधनों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कोयला आधारित बिजली संयंत्र को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के बारे में जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल के अवलोकन का हवाला दिया।
भाषा आशीष सुभाष
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